काबुल में 400 तालिबान कैदियों की रिहाई शुरू, 20 अगस्त से हो सकती है वार्ता

By भाषा | Updated: August 15, 2020 15:19 IST2020-08-15T15:19:17+5:302020-08-15T15:19:17+5:30

तालिबान के अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि 86 कैदियों को रिहा किया गया है। ये अधिकारी मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। यह पता नहीं चल सका है कि शेष कैदियों को कब रिहा किया जाएगा।

in Kabul 400 Taliban prisoners released talks to begin from 20 August | काबुल में 400 तालिबान कैदियों की रिहाई शुरू, 20 अगस्त से हो सकती है वार्ता

कुछ अफगान नेताओं ने ‘एपी’ को बताया कि 20 अगस्त से वार्ता हो सकती है।

Highlightsअमेरिका और तालिबान के बीच फरवरी में हुए समझौते के तहत दोनों पक्षों के कैदियों को रिहा किया गया है। समझौते के तहत सरकार द्वारा जेलों में डाले गए पांच हजार तालिबानियों और आतंकवादी समूह द्वारा बंधक बनाए गए एक हजार सरकारी और सैन्य कर्मियों की रिहाई होनी है।

काबुल: अफगानिस्तान ने तालिबान के 400 कैदियों में से 80 कैदियों को रिहा कर दिया है, जिससे देश में लंबे समय से युद्धरत पक्षों के बीच वार्ता का रास्ता साफ हो गया है। यह जानकारी सरकार ने दी। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् कार्यालय के प्रवक्ता जाविद फैसल ने यह घोषणा की। तालिबान के अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि 86 कैदियों को रिहा किया गया है। ये अधिकारी मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। यह पता नहीं चल सका है कि शेष कैदियों को कब रिहा किया जाएगा।

अमेरिका और तालिबान के बीच फरवरी में हुए समझौते के तहत दोनों पक्षों के कैदियों को रिहा किया गया है। समझौते के तहत सरकार द्वारा जेलों में डाले गए पांच हजार तालिबानियों और आतंकवादी समूह द्वारा बंधक बनाए गए एक हजार सरकारी और सैन्य कर्मियों की रिहाई होनी है। इसके बाद अफगानिस्तान में विभिन्न पक्षों के बीच वार्ता होगी। वार्ता कतर में होने की उम्मीद है जहां तालिबान का राजनीतिक कार्यालय है। कुछ अफगान नेताओं ने ‘एपी’ को बताया कि 20 अगस्त से वार्ता हो सकती है।

 इन वार्ताओं से युद्ध के बाद अफगानिस्तान की रूपरेखा तय करने का आधार बनेगा। वॉशिंगटन की तरफ से शांतिदूत नियुक्त किए गए जालमे खलीलजाद ने शांति वार्ता शुरू करने के लिए डेढ़ वर्षों तक प्रयास किया जिसका उद्देश्य अमेरिकी सैनिकों की घर वापसी और अमेरिका के अब तक के सबसे ज्यादा समय तक किसी दूसरे देश में सैन्य संघर्ष को खत्म करना है। अमेरिकी सैनिकों ने देश छोड़ना शुरू कर दिया है और नवंबर तक अफगानिस्तान में पांच हजार से भी कम अमेरिकी सैनिक होंगे। 

29 फरवरी को जब समझौता हुआ था उस वक्त देश में करीब 13 हजार सैनिक थे। अमेरिका और नाटो सैनिकों की वापसी तालिबान की इस वचनबद्धता पर भी हो रही है कि आतंकवादी समूह अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं करेगा। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पिछले हफ्ते परंपरागत परिषद् बैठक लोया जिरगा का आयोजन किया था जिसमें 400 तालिबानी कैदियों की रिहाई पर सहमति बनी थी।

Web Title: in Kabul 400 Taliban prisoners released talks to begin from 20 August

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