कोरोना संकट में चीन ने अफ्रीकी लोगों को घरों से निकाला, तानाशाही जग जाहिर हुई तो लिया सुधार का संकल्प

By भाषा | Updated: April 13, 2020 12:55 IST2020-04-13T12:55:14+5:302020-04-13T12:55:14+5:30

चीन ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के संबंध में भेदभाव के आरोपों और अत्यधिक अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद रविवार को प्रण लिया कि वह दक्षिणी शहर गुआंगझोउ में अफ्रीकी लोगों के इलाज की व्यवस्था में सुधार करेगा। साथ ही उसने कहा कि वह सभी तरह की “नस्ली एवं पक्षपातपूर्ण’’ टिप्पणियों को खारिज करता है।

In Corona crisis China evacuates African people from home dictatorship revealed then resolves to reform | कोरोना संकट में चीन ने अफ्रीकी लोगों को घरों से निकाला, तानाशाही जग जाहिर हुई तो लिया सुधार का संकल्प

कोरोना संकट में चीन ने अफ्रीकी लोगों के साथ किया भेदभाव।

Highlightsविदेशों से संक्रमण लेकर आने वाले लोगों की तादाद बढ़ने के खिलाफ बीजिंग की ओर से सख्त कदम उठाए जाने के बीच 1.5 करोड़ आबादी वाले औद्योगिक केंद्र में अफ्रीकी लोगों को संदेह की नजर से देखा जा रहा हैअफ्रीकी यूनियन ने शनिवार की स्थिति पर ‘अत्यधिक चिंता’ जाहिर करते हुए बीजिंग से तत्काल सुधारात्मक उपाय करने की अपील की

बीजिंग।चीन ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के संबंध में भेदभाव के आरोपों और अत्यधिक अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद रविवार को प्रण लिया कि वह दक्षिणी शहर गुआंगझोउ में अफ्रीकी लोगों के इलाज की व्यवस्था में सुधार करेगा। साथ ही उसने कहा कि वह सभी तरह की “नस्ली एवं पक्षपातपूर्ण’’ टिप्पणियों को खारिज करता है। विदेशों से संक्रमण लेकर आने वाले लोगों की तादाद बढ़ने के खिलाफ बीजिंग की ओर से सख्त कदम उठाए जाने के बीच 1.5 करोड़ आबादी वाले औद्योगिक केंद्र में अफ्रीकी लोगों को संदेह की नजर से देखा जा रहा है और वे जबरन वहां से निकाले जाने, मनमाने ढंग से पृथक वास में भेजने तथा सामूहिक रूप से सबकी कोरोना वायरस के लिए जांच कराने जैसे कदमों का शिकार हो रहे हैं।

अफ्रीकी यूनियन ने शनिवार की स्थिति पर ‘अत्यधिक चिंता’ जाहिर करते हुए बीजिंग से तत्काल सुधारात्मक उपाय करने की अपील की। इस बीच, अमेरिका ने इसे “चीनी अधिकारियों द्वारा अफ्रीकी लोगों को पसंद न किया जाना’’ बताते हुए इसकी निंदा की। दक्षिण चीन के सबसे बड़े शहर, गुआंगझोउ में हाल में नाइजीरियाई समुदाय के बीच कोरोना वायरस के कई मामले मिलने के बाद स्थानीय लोगों और वायरस से बचाव कर रहे अधिकारियों द्वारा भेदभाव किए जाने के आरोप लगने लगे। कई अफ्रीकी लोगों ने एजेंसी को बताया कि उन्हें जबरन उनके घर से निकाल दिया गया और होटलों ने भी उन्हें लौटा दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक बयान में कहा, “चीनी सरकार चीन में विदेशी नागरिकों के जीवन एवं स्वास्थ्य को बहुत महत्व देती है।” उन्होंने कहा, “गुआंगदोंग (प्रांतीय) अधिकारी कुछ अफ्रीकी देशों की चिंता को बहुत महत्व दे रहे हैं और अपनी कार्य पद्धति को सुधारने की दिशा में सक्रियता से काम कर रहे हैं।” झाओ ने बताया कि सुधारात्मक उपायों में उन विदेशी नागरिकों के लिए गैर भेदभाव वाली स्वास्थ्य प्रबंधन सेवाएं एवं कम दरों पर होटल उपलब्ध कराए जाएंगे जिन्हें चिकित्सीय निगरानी में रखा जाना है।

उन्होंने कहा कि गुआंगदोंग के अधिकारी, “सभी तरह की नस्ली एवं भेदभावपूर्ण टिप्पणियों’’ को खारिज करते हैं। अत्यधिक भेदभाव किए जाने की पहली खबरें उस वक्त आई थी जब स्थानीय अधिकारियों ने कहा था कि कम से कम आठ संक्रमित लोगों ने शहर के युएक्जियू में समय बिताया था जिसे “छोटे अफ्रीका” के तौर पर भी जाना जाता है। चीन ने पिछले 20 वर्षों में अफ्रीका में जबर्दस्त निवेश किया है और वहां के ज्यादातर देशों के साथ उसके अच्छे संबंध हैं।

Web Title: In Corona crisis China evacuates African people from home dictatorship revealed then resolves to reform

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