नई दिल्ली: अमेरिकी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से फोन पर बात की है। राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन की शी से पहली बार सीधे बातचीत हुआ है।
इस बातचीत के बाद अपने ट्विटर अकाउंट पर इस संबंध में ट्वीट कर अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मैंने आज राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की और उन्हें चीनी नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।
इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने शी जिपिंग के सामने मैंने चीन की आर्थिक नीतियों, मानवाधिकार उल्लंघन और ताइवान में उसकी दादागिरी को लेकर चिंता भी जाहिर की। मैंने शी जिनपिंग बता दिया है कि मैं चीन के साथ तभी काम करूंगा जब इससे अमेरिकी लोगों को फायदा होगा।
चीन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की समीक्षा के लिए टास्क फोर्स का गठन हुआ-
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जो बाइडन ने राष्ट्रपति पद पर बैठने के बाद चीन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की समीक्षा करने के लिए पेंटागन में एक टास्क फोर्स की गठन करने के बाद अपने चीनी समकक्ष से फोन पर बात की है।
यही नहीं इस बातचीत से ठीक पहले जो बाइडन ने चीन के पड़ोस में स्थित एक दक्षिण-पूर्व एशियाई देश म्यांमार में इस महीने हुए सैन्य तख्तापलट के बाद वहां के सैन्य शासन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
चीन के इस व्यवहार का जो बाइडन ने विरोध किया-
व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है कि जो बाइडन ने बीजिंग के अनुचित आर्थिक व्यवहारों को लेकर शी के सामने चिंता जताई है। चीनी राष्ट्रपति के इस व्यवाहार का विरोध करते हुए अमेरिका ने आगे से मदद का आग्रह किया।
यही नहीं जो बाइडेन ने हांगकांग में और चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में उइघुर और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा भी बातचीत में उठाया है। चीन से अल्पसंख्यक लोगों के साथ इस तरह से पेश न आने की सलाह दी।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जो बाइडन को चेतावनी देकर ये कहा-
इस बैठक के बाद चीन के राष्ट्रपति ने बातचीत के बारे में मीडिया से साझा करते हुए सकारात्मक लहजे में कहा कि दोनों पक्षों के बीच मतभेद हैं और उन मतभेदों को समाप्त किया जा सकता है। चीन ने कहा कि हमने अमेरिकी राष्ट्रपति से मतभेदों को समाप्त करने में समग्र सहयोग का आग्रह किया।
द हिंदू के रिपोर्ट मुताबिक, शी जिनपिंग ने ताइवान, हांगकांग और शिनजियांग के मुद्दे पर जो बाइडन द्वारा उठाए गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि ये मुद्दे चीन के आंतरिक मामले हैं और यह मुद्दा चीनी संप्रभुता से जुड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका को चीन के मूल हितों का सम्मान करना चाहिए और सावधानी के साथ काम करना चाहिए।