किस तरह मूंगों के चयनात्मक प्रजनन से प्रवाल-भित्तियों के गर्म समुद में रहने की क्षमता बढ़ सकती है

By भाषा | Updated: August 21, 2021 16:24 IST2021-08-21T16:24:41+5:302021-08-21T16:24:41+5:30

How selective breeding of corals can increase the ability of coral reefs to survive in warmer seas | किस तरह मूंगों के चयनात्मक प्रजनन से प्रवाल-भित्तियों के गर्म समुद में रहने की क्षमता बढ़ सकती है

किस तरह मूंगों के चयनात्मक प्रजनन से प्रवाल-भित्तियों के गर्म समुद में रहने की क्षमता बढ़ सकती है

एमिली हॉवेल्स, समुद्री जीवविज्ञान में वरिष्ठ शोधार्थी, सदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी और डेविड आब्रेगो, प्रवक्ता, नेशनल मरीन साइंस सेंटर, सदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी लिस्मोर (ऑस्ट्रेलिया), 21 अगस्त (द कन्वरसेशन) मूंगों या प्रवाल की एक पीढ़ी में चुनिंदा तरीके से प्रजनन कराने से वे अत्यंत तापमान का सामना करने में सक्षम हो सकते हैं। यह बात हमारे एक नये अध्ययन में सामने आई है। यह परिणाम दुनियाभर के समुद्रों में उन प्रवाल-भित्तियों या मूंगों की चट्टानों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है जिन्हें अधिक तापमान से खतरा होता है। ‘साइंस एडवांसेस’ में प्रकाशित हमारा अनुसंधान दिखाता है कि दुनिया के कुछ सबसे गर्म समुद्रों में मूंगों की संतति में ऐसे लाभकारी जीन पहुंच सकते हैं जो गर्मी सहने की क्षमता से जुड़े होते हैं। ऐसा तब भी हो सकता है जब उन अलग प्रजातियों के साथ संकरण हुआ हो जिन्होंने कभी ऐसे तापमान का सामना ही नहीं किया हो। दुनियाभर में मूंगों में तापमान के लिहाज से व्यापक विविधता पाई जाती है। यह विविधता उनके तापमान सहने और बिना समाप्त हुए उच्च तापमान का सामना करने की क्षमता दोनों के लिहाज से होती है। फारस की खाड़ी में मूंगे अनुवांशिक रूप से अत्यंत गर्म तापमान में रहने के अनुकूल हो गये हैं और वे एक बार में कई सप्ताह तक 34 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्मी को सह सकते हैं और दैनिक औसतन 36 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी का सामना कर सकते हैं। यहां पानी का तापमान मूंगों की उत्पत्ति वाले अन्य किसी भी क्षेत्र की तुलना में 2-4 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है। यह फारस की खाड़ी के बाहर प्रवाल-भित्तियों (रीफ) के लिए सदी के आखिर में संभावित तापमान के अनुरूप है। इससे हमारे मन में प्रश्न आया कि क्या लाभकारी जीन मूंगों की उन प्रजातियों तक पहुंच सकते हैं जो इन अत्यधिक तापमान को सहने के लिहाज से कमजोर हैं। इसका पता लगाने के लिए हमने फारस की खाड़ी से प्लेटीगीरा डाईडेलिया प्रवाल के टुकड़े एकत्रित किये और उनका संकरण हिंद महासागर के इसी प्रजाति के मूंगों से कराया जहां गर्मी में तापमान अपेक्षाकृत कम होता है। तब हमने जन्म लेने वाले मूंगों के 12,000 से अधिक अलग-अलग लार्वा को अत्यधिक तापमान में रखा और देखा कि क्या वे अपने जन्म देने वाले मूंगों के अलग-अलग स्थानों के अधिकतम तापमानों 33 डिग्री सेल्सियस तथा 36 डिग्री सेल्सियस तापमान का सामना कर सकते हैं या नहीं। तात्कालिक लाभ: जब हिंद महासागर की मादा प्रवाल का संकरण फारस की खाड़ी के नर मूंगों से कराया गया तो हमने गर्मी सहने की क्षमता का तत्काल विकास भी देखा। इन मूंगों में हिंद महासागर के सामान्य प्रजनन से पैदा हुए मूंगों की तुलना में अत्यधिक तापमान में रह सकने की क्षमता में 84 प्रतिशत वृद्धि देखी गयी। और इस तरह वे फारस की खाड़ी में सामान्य प्रजनन से पैदा होने वाले मूंगों की तरह क्षमतावान हो गए। जीनोम अनुक्रमण से भी इस बात की पुष्टि हुई कि गर्मी सहने की क्षमता फारस की खाड़ी के प्रवालों से आए लाभकारी उत्परिवर्तित जीनों की वजह से है। फारस की खाड़ी के अधिकतर नर मूंगों की संततियां अधिक तापमान सहने में अधिक सक्षम रहीं। वहीं हिंद महासागर के अधिकतर नर मूंगों से पैदा हुए प्रवाल अधिक गर्मी में रह पाने के लिहाज से समक्ष नहीं थे। जो सबसे सक्षम होगा, वो बचेगा: रोचक बात यह है कि अत्यधिक तापमान सहने की क्षमता से जुड़े जीन केवल फारस की खाड़ी के मूंगों में ही नहीं होते। हिंद महासागर के दो नर मूंगों ने भी अत्यधिक गर्मी के वातावरण में अनपेक्षित तरीके से ऐसी संतानों को जन्म दिया जिनमें ज्यादा तापमान में रहने की अधिक क्षमता थी। कुछ में तो उतनी ही सहनशीलता वाले जीन थे जो फारस की खाड़ी के मूंगों में थे। इससे पता चलता है कि मूंगों की कुछ प्रजातियों में अनुवांशिक परिवर्तन होते हैं जिन पर प्राकृतिक चयन आधारित हो सकता है। इनमें दुनियाभर के समुद्रों में तापमान का अधिक होना शामिल है। चयनात्मक तरीके से प्रजनन से इस प्रक्रिया को गति मिलने की संभावना होती है। इसी तरह हम अब ग्रेट बैरियर रीफ और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में मूंगों की समान प्रजातियों में अधिक गर्मी सहने की क्षमता के अनुवांशिक आधार का आकलन कर रहे हैं। हम पता लगाना चाहते हैं कि कौन से जीन उत्परिवर्तन अत्यधिक तापमान सहने की क्षमता से जुड़े होते हैं। ये किस तरह बंटे होते हैं, आदि। इस जानकारी से हमें ऑस्ट्रेलियाई मूंगों के तेजी से गर्म तापमान सहने की क्षमता पाने की संभावना को जानने में मदद मिलेगी।

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Web Title: How selective breeding of corals can increase the ability of coral reefs to survive in warmer seas

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