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ओमीक्रोन के लिए वैज्ञानिक कोरोना वायरस के टीके को कैसे अपडेट कर सकते हैं?

By भाषा | Updated: December 5, 2021 16:59 IST

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(देबोराह फुलर, यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन)

वाशिंगटन, पांच दिसंबर (द कन्वरसेशन) टीकों को अद्यतन किए जाने की जरूरत क्यों पड़ेगी? मूल रूप से, यह एक सवाल है कि क्या एक वायरस इतना बदल गया है कि मूल टीके द्वारा बनाई गई एंटीबॉडी अब नए परिवर्तित स्वरूप को पहचानने और रोकने में सक्षम नहीं हैं?

कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन का उपयोग मानव कोशिकाओं की सतह पर एसीई-2 रिसेप्टर्स से जुड़ने और उन्हें संक्रमित करने के लिए करते हैं। सभी एमआरएनए कोविड-19 टीके मैसेंजर आरएनए के रूप में निर्देश देकर काम करते हैं जो कोशिकाओं को स्पाइक प्रोटीन का बिना नुकसान पहुंचाने वाला संस्करण बनाने के लिए निर्देशित करते हैं।

यह स्पाइक प्रोटीन तब मानव शरीर को एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रेरित करता है। यदि कोई व्यक्ति कभी भी कोरोना वायरस के संपर्क में आता है, तो ये एंटीबॉडी कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन से जुड़ जाते हैं और इस प्रकार उस व्यक्ति की कोशिकाओं को संक्रमित करने की उसकी क्षमता में बाधा डालते हैं।

ओमीक्रोन स्वरूप में इसके स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन का एक नया पैटर्न होता है। ये परिवर्तन वर्तमान टीकों से मिली एंटीबॉडी के स्पाइक प्रोटीन को बांधने की कुछ एंटीबॉडीज की क्षमता को बाधित कर सकते हैं - लेकिन शायद सभी की नहीं । यदि ऐसा होता है, तो टीके लोगों को ओमीक्रोन प्रकार से संक्रमित होने और उसका प्रसार करने से रोकने में कम प्रभावी हो सकते हैं।

नया टीके कैसे अलग होगा?

मौजूदा एमआरएनए टीके, जैसे कि मॉडर्ना या फाइजर द्वारा बनाए गए टीके , कोरोना वायरस के मूल स्वरूप से स्पाइक प्रोटीन के लिए कोड बनाते हैं। एक नए या अद्यतन टीके में, एमआरएनए निर्देशों को ओमीक्रोन स्पाइक प्रोटीन के लिए कूट बनाना होगा।

इस नए स्वरूप से मूल स्पाइक प्रोटीन के आनुवंशिक कोड की अदला-बदली करके, एक नया टीका ऐसी एंटीबॉडीज बनाएगा जो ओमीक्रोन वायरस को अधिक प्रभावी ढंग से बांधेगा और कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकेगा।

जिन लोगों को पहले से ही कोविड-9 का टीका लगाया जा चुका है या जो पहले से संक्रमित हैं, उन्हें नए टीके की केवल एक अतिरिक्त खुराक की आवश्यकता होगी ताकि न केवल नए स्वरूप से बल्कि अन्य स्वरूपों से भी सुरक्षा मिल सके जो अब भी मौजूद हो सकते हैं। यदि ओमीक्रोन, डेल्टा से अधिक खतरनाक स्वरूप के रूप में उभरता है, तो जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उन्हें केवल अद्यतन टीके की 2-3 खुराक प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

यदि डेल्टा और ओमीक्रोन दोनों मौजूद हैं, तो लोगों को वर्तमान और अद्यतन टीकों का एक मिश्रण मिलने की संभावना है।

वैज्ञानिक किसी टीके को कैसे अद्यतन करते हैं?

एक अद्यतन एमआरएनए टीका बनाने के लिए, आपको दो अवयवों की आवश्यकता होती है: चिंता के एक नए प्रकार से स्पाइक प्रोटीन का जीनोम सीक्वेंसिंग और एक डीएनए टेम्पलेट जिसका उपयोग एमआरएनए बनाने के लिए किया जाएगा। अधिकतर जीवों में, डीएनए एमआरएनए बनाने के लिए निर्देश प्रदान करता है। चूंकि शोधकर्ताओं ने ओमीक्रोन स्पाइक प्रोटीन के लिए आनुवंशिक कोड पहले ही प्रकाशित कर दिया है, इसलिए केवल स्पाइक प्रोटीन के लिए एक डीएनए टेम्प्लेट बनाना बाकी है जिसका उपयोग नए टीकों के एमआरएनए भाग का उत्पादन करने के लिए किया जाएगा।

नया टीका कब तक तैयार हो सकता है?

एक नया एमआरएनए टीका बनाने के लिए आवश्यक डीएनए टेम्प्लेट तैयार करने में केवल तीन दिन लगते हैं। फिर प्रयोगशाला में जांच के लिए एमआरएनए टीके की पर्याप्त खुराक का उत्पादन करने में लगभग एक सप्ताह और टेस्ट ट्यूब में मानव कोशिकाओं पर प्री-क्लिनिकल ​​जांच करने के लिए छह सप्ताह का समय लगेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक नया टीका प्रभावी है।

इसलिए 52 दिनों के भीतर, वैज्ञानिकों के पास एक अद्यतन एमआरएनए टीका हो सकता है जो निर्माण प्रक्रिया में शामिल करने के लिए तैयार हो और मानव क्लिनिकल परीक्षण के लिए खुराक का उत्पादन शुरू कर सके।

अगर यह पता चलता है कि ओमीक्रोन - या भविष्य का कोई स्वरूप सामने आने पर - एक नया टीका जरूरी हो जाता है, तो कंपनियां पहले ही तैयारी पूरी कर चुकी हैं और चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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