पाकिस्तान के सीनेट में पहुंची पहली दलित हिंदू महिला, कृष्णा कुमारी कोहली ने रचा इतिहास
By भारती द्विवेदी | Updated: March 7, 2018 09:16 IST2018-03-04T15:34:31+5:302018-03-07T09:16:30+5:30
कृष्णा कुमारी कोहली अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रूपलो कोहली के परिवार से हैं।

पाकिस्तान के सीनेट में पहुंची पहली दलित हिंदू महिला, कृष्णा कुमारी कोहली ने रचा इतिहास
कराची, 3 मार्च: कृष्णा कुमारी कोहली पाकिस्तान के इतिहास की पहली दलित हिंदू महिला सीनेटर चुन ली गई हैं। 39 साल की कृष्णा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सदस्य हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी हैं। कृष्णा इस पार्टी के लिए बतौर सोशल वर्कर काम करती हैं।
कृष्णा कुमारी कोहली कौन हैं?
कृष्णा का जन्म पाकिस्तान के सिंध प्रांत के एक गरीब परिवार में हुआ था। जब कृष्णा तीसरी क्लास में थीं तो उन्हें और उनके परिवार को उमेरकोट के जमींदार की प्राइवेट में जेल तीन साल रहना पड़ा था। 16 साल की उम्र में कृष्णा की शादी लालचंद नाम के शख्स से हुई। कृष्ण शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थी। शादी के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए साल 2013 में सिंध यूनिवर्सिटी से उन्हें सोशियोलॉजी में मास्टर डिग्री पूरी की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही वो बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से जुड़ीं और बतौर सोशल वर्कर काम करना शुरू किया। पार्टी की तरफ से कृष्णा को यूनियन काउंसिल ऑफ बेरानो का चैयरमैन बनाया गया। चैयरमैन बनने के बाद कृष्णा ने थार इलाके के गरीबों के लिए बहुत काम किया।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की तरफ से पहले भी महिला सीनेटर चुनी जा चुकीं हैं। इससे पहले पार्टी की ही रत्ना भगवानदान चावला सीनेटर बन चुकी हैं। पाकिस्तान के संसद के अपर हाउस में 52 सीट सीनेटर्स की रिटायरमेंट की वजह से खाली हो रही हैं। अलग-अलग पार्टियों और निर्दलीय 130 से ज्यादा कैंडिडेट्स ने नॉमिनेशन भरा था।