अबू धाबी का ऐतिहासिक फैसला, हिंदी को बनाया अदालत की तीसरी भाषा
By भाषा | Updated: February 10, 2019 17:52 IST2019-02-10T17:52:36+5:302019-02-10T17:52:36+5:30
संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय लोगों की संख्या 26 लाख है जो देश की कुल आबादी का 30 फीसदी है और यह देश का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है।

अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) ने शनिवार को यह फैसला लिया (Photo Credit: The National)
अबू धाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अरबी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया है। न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है।
अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) ने शनिवार को कहा कि उसने श्रम मामलों में अरबी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को शामिल करके अदालतों के समक्ष दावों के बयान के लिए भाषा के माध्यम का विस्तार कर दिया है। इसका मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात की आबादी का करीब दो तिहाई हिस्सा विदेशों के प्रवासी लोग हैं। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय लोगों की संख्या 26 लाख है जो देश की कुल आबादी का 30 फीसदी है और यह देश का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है।
एडीजेडी के अपर सचिव युसूफ सईद अल अब्री ने कहा कि दावा शीट, शिकायतों और अनुरोधों के लिए बहुभाषा लागू करने का मकसद प्लान 2021 की तर्ज पर न्यायिक सेवाओं को बढ़ावा देना और मुकदमे की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना है।