‘ग्लोबल इंडियन डायसपोरा’ ने कृषि कानून रद्द किए जाने की मांग की

By भाषा | Updated: February 1, 2021 13:19 IST2021-02-01T13:19:15+5:302021-02-01T13:19:15+5:30

'Global Indian Diaspora' demands repeal of agricultural law | ‘ग्लोबल इंडियन डायसपोरा’ ने कृषि कानून रद्द किए जाने की मांग की

‘ग्लोबल इंडियन डायसपोरा’ ने कृषि कानून रद्द किए जाने की मांग की

(ललित के झा)

वाशिंगटन, एक फरवरी विश्वभर में भारतीय समुदाय के विभिन्न संगठनों के एक समूह ने भारत में तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए इन कानूनों को रद्द किए जाने की मांग की है।

विश्व भर में भारतीय समुदायों के 18 से अधिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले‘ग्लोबल इंडियन प्रोग्रेसिव अलायंस’ ने मांग की कि भारत सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करे।

इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने की मांग की। उन्होंने भारत सरकार से इन कानूनों को रद्द करने एवं समीक्षा के लिए एक संसदीय समिति के पास विधेयक भेजने और संसद में कार्यवाही से पहले सभी हितधारकों से विचार-विमर्श किए जाने की अपील की।

भारत ने किसानों के प्रदर्शनों के बारे में विदेशी नेताओं की टिप्पणियों को ‘‘भ्रामक सूचनाओं पर आधारित’’ और ‘‘अनुचित’’ बताया है तथा जोर देकर कहा है कि यह एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से जुड़ा मुद्दा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने दिसंबर में कहा था, ‘‘हमने भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित है। इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों।’’

अलायंस ने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई जाए और एक पारदर्शी तरीके से कानून प्रवर्तन एजेंसियों एवं प्रदर्शनकारी संगठनों के बीच सहयोग स्थापित किया जाए।’’

संगठन ने कहा, ‘‘प्रगतिशील भारतीय होने के नाते, हम सर्वसम्मति बनाने की कोशिश किए बिना कानून लागू किए जाने से व्यथित हैं। विधेयकों को बनाते समय और पारित करने से पहले राजनीतिक दलों, नागरिक समूहों, हितधारकों या शिक्षाविदों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया और संसद में बहस की प्रक्रिया को भी बाधित किया गया।’’

अलायंस ने कहा कि दिल्ली के बाहर आयोजित हो रही रैलियां केवल पंजाब और हरियाणा के किसानों के असंतोष को नहीं दर्शाती, बल्कि देशभर के किसानों के समर्थन को दर्शाती हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सीमाओं पर 28 नवंबर से किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

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Web Title: 'Global Indian Diaspora' demands repeal of agricultural law

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