भारत के अगले राजदूत के तौर पर नामित गारसेटी ने कहा, ‘देश के कानून’ का पूर्ण समर्थन करता हूं

By भाषा | Updated: December 15, 2021 22:55 IST2021-12-15T22:55:43+5:302021-12-15T22:55:43+5:30

Garcetti, nominated as the next Ambassador of India, said, I fully support the 'law of the land' | भारत के अगले राजदूत के तौर पर नामित गारसेटी ने कहा, ‘देश के कानून’ का पूर्ण समर्थन करता हूं

भारत के अगले राजदूत के तौर पर नामित गारसेटी ने कहा, ‘देश के कानून’ का पूर्ण समर्थन करता हूं

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 15 दिसंबर भारत के लिए अगले राजदूत के तौर पर राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा नामित एरिक माइकल गारसेटी ने सांसदों को आश्वस्त किया कि वह सीएएटीएसए को लागू करने व “देश के कानून का पूर्ण समर्थन करते हैं”। उन्होंने रियायत के प्रावधान को सख्त कानून के हिस्से के तौर पर रेखांकित करते हुए यह बात कही।

गारसेटी (50) ने भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में अपने नाम की पुष्टि को लेकर सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता रक्षा कारोबार द्विपक्षीय संबंधों की बड़ी सफलता की कहानियों में से एक है।

‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ या सीएएटीएसए एक सख्त अमेरिकी कानून है जिसका उद्देश्य रूस के प्रभाव को कम करना है। वर्ष 2014 में यूक्रेन में मास्को के सैन्य हस्तक्षेप और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इसकी कथित मध्यस्थता के बाद, मुख्य रूप से यह कानून रूसी हितों पर प्रतिबंधों से संबंधित है।

गारसेटी भारत पर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंधों को लागू किए जाने को लेकर एक सवाल का जवाब दे रहे थे क्योंकि अब भारत को रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की खेप मिलनी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि वह देश के कानून, सीएएटीएसए लागू करने का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।

राष्ट्रपति बाइडन के विश्वासपात्र और फिलहाल लॉस एंजिलिस के महापौर की जिम्मेदारी निभा रहे गारसेटी ने कहा, ‘‘मैं प्रतिबंधों या छूट के बारे में मंत्री के निर्णय को लेकर पूर्वग्रह नहीं करना चाहता। मैं अध्यक्ष, रैंकिंग सदस्य और सभी (सीनेट विदेश संबंध समिति के) सदस्यों को बताना चाहता हूं कि मैं देश के कानून का पूरी तरह से समर्थन करता हूं, यहां कानून के रूप में सीएएटीएसए को लागू करना और इसमें एक हिस्सा छूट का प्रावधान है।’’

अक्टूबर 2018 में, भारत ने रूस के साथ एस -400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, अमेरिकी प्रशासन की चेतावनी के बाद इस अनुबंध पर कायम रहने पर उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। रूस की सरकारी सैन्य फर्म रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के प्रमुख अलेक्जेंडर मिखेयेव ने पिछले महीने कहा था कि मास्को ने भारत को एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के घटकों की आपूर्ति शुरू कर दी है।

गारसेटी ने कहा कि अगर उनके नाम की पुष्टि की जाती है, तो वह अमेरिका की अपनी हथियार प्रणालियों के लिए खतरा बन रहे भारत की हथियार प्रणाली के लगातार विविधीकरण की वकालत करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह विविधीकरण नहीं होता है तो हमें अपने डेटा और हमारे सिस्टम की रक्षा करनी होगी।’’ उन्होंने कहा कि वह भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी को बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।

रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बढ़ते खतरे के बीच, भारत ने कहा है कि वह खतरे की धारणा के आधार पर संप्रभु निर्णय लेता है और सशस्त्र बलों को सुरक्षा चुनौतियों के पूरे परिदृश्य से निपटने के लिए तैयार रहने की स्थिति में रखता है।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने तीन दिसंबर को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार उन सभी घटनाक्रमों से अवगत है जो रक्षा उपकरणों की खरीद को प्रभावित कर सकते हैं।

भट्ट ने कहा कि एस-400 मिसाइल एक शक्तिशाली प्रणाली है और इसके शामिल होने के बाद भारत की वायु रक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

अपनी नई नियुक्ति की पुष्टि के लिए हुई सुनवाई के दौरान गारसेटी ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा कारोबार की भी सराहना की।

गारसेटी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पिछले कुछ दशकों में शून्य से 20 अरब डॉलर तक की खरीद, खुफिया जानकारी की साझेदारी, अंतर संचालन क्षमता, अभ्यास, समुद्री कार्य के क्षेत्र में यह सफलता की महान कहानियों में से एक है।’’

भारत, अमेरिका का एकमात्र नामित ‘प्रमुख रक्षा भागीदार’ (एमडीपी) है। 2016 के बाद से चार प्रमुख रक्षा सक्षम समझौतों को पूरा करने के बाद अमेरिका और भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रमुख रक्षा साझेदार भारत और अमेरिका सूचना साझा करने, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास, समुद्री सुरक्षा सहयोग, संपर्क अधिकारियों के आदान-प्रदान और साजो सामान में सहयोग को और बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।

भारत में मानवाधिकारों से संबंधित सवालों के जवाब में गारसेटी ने सांसदों को आश्वासन दिया कि वह व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर भारत में विभिन्न हितधारकों से बात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका-भारत संबंध लोकतंत्र, मानवाधिकारों और नागरिक समाज के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता पर आधारित होना चाहिए... अगर मेरे नाम की पुष्टि हो जाती है, तो मैं इन मुद्दों को सक्रिय रूप से उठाऊंगा। मैं उन्हें विनम्रता से उठाऊंगा।’’

गारसेटी ने कहा, ‘‘ऐसे संगठन हैं जो भारत में जमीन पर लोगों के मानवाधिकारों के लिए सक्रिय रूप से लड़ रहे हैं, जो मुझसे सीधे तौर पर जुड़ेंगे। हम जानते हैं कि लोकतंत्र जटिल हैं और हम इसे अपने देश और भारत में देख सकते हैं, लेकिन यह हमारे साझा मूल्यों की आधारशिला भी है।

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Web Title: Garcetti, nominated as the next Ambassador of India, said, I fully support the 'law of the land'

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