France: पहले दौर में फ्रांस के मैक्रों ने मारी बाजी, 27.85% वोट लेकर आगे, दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन को 23.15%
By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 11, 2022 19:27 IST2022-04-11T19:26:11+5:302022-04-11T19:27:17+5:30
रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद फ्रांसीसी पोलिंग एजेंसी ने राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ले पेन पर बढ़त हासिल किये जाने का अनुमान जताया था।

दूसरे चरण के मतदान में दोनों को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
पेरिसः फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने पहले दौर में बाजी मार ली है। 27.85% वोट लेकर आगे हो गए हैं। दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन को 23.15% वोट मिला है। दोनों नेता पहले दौर के मतदान में 10 अन्य उम्मीदवारों को पीछे छोड़ चुके हैं और अब करीबी मुकाबला इन्हीं दो नेताओं के बीच है।
#BREAKING Macron wins 27.85% in French presidency first round, Le Pen 23.15%: final results pic.twitter.com/rImmvUSIkA
— AFP News Agency (@AFP) April 11, 2022
फ्रांस में मतदाता व्यक्तिगत तौर पर मतदान करते हैं और मतदान समाप्त होने के बाद उन मतपत्रों की गिनती की जाती है। राष्ट्रीय स्तर पर मतदाताओं की संख्या के आधे से अधिक मत यदि किसी को नहीं मिलते हैं तो शीर्ष के दो उम्मीदवारों के बीच 24 अप्रैल को दूसरे और निर्णायक दौर का मतदान होगा।
#UPDATE Emmanuel Macron won 27.85% of votes in the first round of France's presidential election, while far-right veteran Marine Le Pen scored 23.15%, according to final results from the interior ministry on Monday, allowing both to advance to a run-off https://t.co/XAEXiraj5kpic.twitter.com/lvQyEl4mXl
— AFP News Agency (@AFP) April 11, 2022
रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद फ्रांसीसी पोलिंग एजेंसी ने राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ले पेन पर बढ़त हासिल किये जाने का अनुमान जताया था। एजेंसी द्वारा जताये गये अनुमान के मुताबिक, पहले चरण के मतदान में जहां मैक्रों को 27 से 29 फीसदी मतदाताओं का समर्थन मिलता दिख रहा है, तो वहीं 23 से 24 फीसदी वोट ले पेन के खाते में जा सकते हैं।
हालांकि, दूसरे चरण के मतदान में दोनों को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। अगर रविवार को आधिकारिक मतगणना से इसकी पुष्टि हो जाती है तो शुरुआती अनुमानों के मुताबिक फ्रांस 2017 में दोनों नेताओं के बीच हुए आमने-सामने के मुकाबले को दोहराने के लिए तैयार है, जिसने मध्यमार्गी मैक्रों (44) को देश का सबसे युवा राष्ट्रपति बनाया।
हालांकि, इस बार कोई गारंटी नहीं है कि परिणाम पिछली बार के जैसे ही हों। अगर ऐसा होता है तो मैक्रों 20 साल में दूसरा कार्यकाल जीतने वाले फ्रांस के पहले राष्ट्रपति बन जाएंगे। लेकिन नेशनल रैली की नेता ले पेन सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे कि बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण भोजन, गैस की बढ़ती लागत और रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के नतीजे के जरिए कई फ्रांसीसी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही हैं। फ्रांस के चुनाव परिणाम का व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रभाव होगा क्योंकि यूरोप रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण से पैदा हुए संकट को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है।
मैक्रों ने रूस पर यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिबंधों का पुरजोर समर्थन किया है जबकि ले पेन (53) ने फ्रांस के लोगों के जीवन स्तर पर उनके प्रभाव को लेकर चिंता जताई है। मैक्रों नाटो के भी प्रबल समर्थक रहे हैं और यूरोपीय संघ के 27 सदस्यों के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं।
राष्ट्रपति मैक्रों दूसरी बार पांच साल के कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें दक्षिणपंथी पार्टी से कड़ी चुनौती मिल रही है। मैक्रों के अलावा दक्षिणपंथी उम्मीदवार ले पेन और वामपंथी नेता ज्यां-लुस मेलेंकोन राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं।