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फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति शिराक का 86 साल की उम्र में निधन, 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले का विरोध किया था

By भाषा | Updated: September 26, 2019 18:30 IST

शिराक के दामाद फ्रेडरिक सलात-बारौक्स ने बताया कि शिराक ने अपने परिवार के बीच अंतिम सांस ली। उन्होंने शिराक के निधन का कारण नहीं बताया है लेकिन 2007 में राष्ट्रपति का पद छोड़ने के बाद से ही वह कई बीमारियों से घिर गए थे। वह 1995 से 2007 तक राष्ट्र प्रमुख रहे थे।

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ठळक मुद्देशिराक ने 2003 में इराक पर अमेरिका की अगुवाई वाले हमले का विरोध किया था।इस वजह से फ्रांस के अपने शीर्ष सहयोगी के साथ रिश्तों में तनाव आ गया था।

फ्रांस के 12 साल तक राष्ट्रपति रहे जैक शिराक का 86 साल की उम्र में बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह ऐसे पहले नेता थो जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदी नरसंहार में फ्रांस की भूमिका को स्वीकार किया था और 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले का विरोध किया था।

शिराक के दामाद फ्रेडरिक सलात-बारौक्स ने बताया कि शिराक ने अपने परिवार के बीच अंतिम सांस ली। उन्होंने शिराक के निधन का कारण नहीं बताया है लेकिन 2007 में राष्ट्रपति का पद छोड़ने के बाद से ही वह कई बीमारियों से घिर गए थे। वह 1995 से 2007 तक राष्ट्र प्रमुख रहे थे। शिराक राष्ट्रपति बनने से पहले करीब दो दशक तक पेरिस के मेयर भी रहे थे।

अपने 12 साल के कार्यालय के दौरान शिराक वैश्विक राजनयिक रहे लेकिन आर्थिक सुधार करने और पुलिस तथा अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं के बीच तनाव को कम करने में नाकाम रहे, जिससे 2005 में फ्रांस में दंगे हुए। शिराक फ्रांस के ऐसे आखिरी नेता रहे जिनके ज़हन में द्वितीय विश्व युद्ध की यादें थीं। उन्होंने इस मिथक को भी तोड़ा कि फ्रांस को यहूदियों के नरसंहार और उन्हें भगाने की जानकारी नहीं थी। उन्होंने इसमें फ्रांस की भूमिका को स्वीकार किया।

शिराक ने 2003 में इराक पर अमेरिका की अगुवाई वाले हमले का विरोध किया था। इस वजह से फ्रांस के अपने शीर्ष सहयोगी के साथ रिश्तों में तनाव आ गया था। इसने अटलांटिक गठबंधन को कमजोर कर दिया था। बहरहाल, अमेरिका ने इराक पर हमला किया, बावजूद इसके शिराक को युद्ध आलोचकों से अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला।

इसके अलावा, शिराक ने अन्य देशों से रिश्ते बेहतर करने के लिए राजनयिक के तौर पर काम किया और पश्चिम एशिया और अफ्रीकी देशों के साथ बेहतर रिश्ते बनाए। वह 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश से मिलने वाले पहले राष्ट्र प्रमुख थे।

बहरहाल, अपने देश में उनपर पेरिस के मेयर रहने के दौरान, निधि का दुरुपयोग और रिश्वत लेने के आरोप लगे। साल 2007 में राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उनको आधिकारिक तौर पर आरोपित किया गया। उन्हें 2011 में जनता के पैसे के दुरुपयोग, विश्वासघात, हितों के टकराव का दोषी पाया गया और दो साल के जेल की सजा दी गई। उन्हें 2005 में स्ट्रोक पड़ा था जिस वजह से वह हफ्ते भर अस्पताल में रहे थे। इसके बाद 2008 में उनके ह्रदय में पेसमेकर लगाया गया। 

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