संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि दुनिया में फिनलैंड (Finland) सबसे खुशहाल देश है। फिनलैंड को ये खिताब लगातार तीसरी बार मिला है।
शोधकर्ताओं ने वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट (World Happiness Report) में वो आंकड़े लिखे हैं, जिसमें 153 देशों की जनता ने ये बताया कि वो अपने-अपने देशों की जीडीपी (GDP), सोशल सपोर्ट (social support), पर्सनल फ्रीडम (personal freedom) और भ्रष्टाचार (corruption) यानि करप्शन से कितने प्रभावित हैं।
शोधकर्ताओं ने इन्हीं मुद्दों को आधार बनाते हुए सभी फैक्टर्स पर ध्यान दिया और रिपोर्ट तैयार की। वहीं, फिनलैंड की बात करें तो महज 55 लाख की आबादी वाले इस देश में लोग जीडीपी, सोशल सपोर्ट, पर्सनल फ्रीडम और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर सुकून में हैं।
फिनलैंड के बाद डेनमार्क, स्विट्ज़रलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, स्वीडन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया ने क्रमशः दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवा, छठा, सातवां, आठवां और नवां स्थान हासिल किया है। इसके अलावा लग्जमबर्ग ने पहली बार 10वां पायदान ग्रहण किया। इसके अलावा इस बार यूनाइटेड किंगडम 13वें, ऑस्ट्रेलिया 12वें, अमेरिका 18वें तो कनाडा 11वें स्थान पर रहा।
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के लेखकों में से एक जॉन हेलीवेल ने कहा, 'सबसे खुशहाल देश वो हैं जहां लोगों को अपनेपन का अहसास होता है, जहां वो एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं और अपने साझा संस्थानों का आनंद लेते हैं।' अपनी बात को जारी रखते हुए जॉन ने बताया, 'रिपोर्ट में जो टॉप 10 देश हैं, इनमें से ये देश अधिक लचीले हैं, क्योंकि साझा भरोसा कठिनाइयों के बोझ को कम करता है, और इससे भलाई की असमानता कम होती है।'
हालांकि, वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत (India) चार पायदान नीचे गिर गया है, जिसके बाद उसका स्थान 144 हो गया है। भारतीयों के लिए इससे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने इस बार 66वां स्थान पाया है। पिछली बार के मुकाबले उसकी रैंकिंग में सुधार देखने को मिला है।
केवल पाकिस्तान ही नहीं, इस बार तो बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका भी भारत से आगे हैं। नेपाल ने जहां 15वीं रैंक हासिल की है तो वहीं बांग्लादेश ने 107वें नंबर पर कब्ज़ा जमाया है। वहीं, श्रीलंका भी इस बार 130वें स्थान पर है।