उपचुनाव में जॉनसन-मोदी की तस्वीर के साथ पर्चा छापने के मुद्दे पर ब्रिटिश संसद में तीखी बहस

By भाषा | Updated: July 15, 2021 18:25 IST2021-07-15T18:25:07+5:302021-07-15T18:25:07+5:30

Fierce debate in the British Parliament on the issue of printing papers with Johnson-Modi's picture in the by-election | उपचुनाव में जॉनसन-मोदी की तस्वीर के साथ पर्चा छापने के मुद्दे पर ब्रिटिश संसद में तीखी बहस

उपचुनाव में जॉनसन-मोदी की तस्वीर के साथ पर्चा छापने के मुद्दे पर ब्रिटिश संसद में तीखी बहस

(अदिति खन्ना)

लंदन, 15 जुलाई ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमंस में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और नेता प्रतिपक्ष केर स्टरामर के बीच उपचुनाव के लिए छपे विवादित पर्चे को लेकर तीखी बहस हुई। इस पर्चे को ब्रिटेन में रह रहे भारतीय समुदाय ने ‘विभाजनकारी’ और ‘भारत विरोधी’ करार दिया है।

सदन में बुधवार को प्रधानमंत्री से पूछे जाने वाले सवाल (पीएमक्यू) सत्र के दौरान नस्लवाद के मुद्दे पर तीखी बहस हुई। जॉनसन ने उस पर्चे को हाथ लिया था जिसमें उन्हें वर्ष 2019 के जी-7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाथ मिलाते दिखाया गया है और संदेश लिखा है, ‘‘ टॉरी सांसद (कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों के लिए इस्तेमाल होने वाली शब्दावली) का जोखिम नहीं लें, वे आपके पक्ष में नहीं है।’’

उन्होंने लेबर पार्टी के नेता से मांग की कि वे पर्चों को वापस ले जिनका इस्तेमाल हाल में उत्तर इंग्लैंड के बैटले ऐंड स्पेन सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान इस्तेमाल किया गया था। इस सीट पर विपक्षी पार्टी ने जीत दर्ज की है।

जॉनसन ने कहा, ‘‘क्या अब मैं उन्हें कह सकता हूं कि वे इस पर्चे को वापस लें जो मेरे हाथ में है और जिसे लेबर पार्टी द्वारा बैटले ऐंड स्पेन उप चुनाव के दौरान प्रकाशित किया गया था और खुद उनकी पार्टी के नेताओं ने उसे नस्लवादी करार देते हुए निंदा की थी।

हालांकि, लेबर पार्टी नेता इंग्लैंड के फुटबॉल खिलाड़ियों द्वारा मैदान में झेले जाने वाले नस्लवादी दुर्व्यवहार के संदर्भ में कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा विरोध नहीं करने की टिप्पणी पर अड़े दिखाई दिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह बहुत आसान है, प्रधानमंत्री नस्लवाद के खिलाफ इंग्लैंड के खिलाड़ियों के साथ खड़े रहे या वह अपने, अपने मंत्रियों और सांसदों के रिकॉर्ड का बचाव कर सकते हैं, लेकिन वह दोनों बाते नहीं कर सकते हैं। क्या वह सदन में कह सकते हैं कि वह उनकी आलोचना करने में असफल रहने पर खेद जताते हैं जिन्होंने नस्लवाद के साथ खड़े होने पर इंग्लैंड के खिलाड़ियों का तिरस्कार किया। स्टारमर ने इस मुद्दे पर खासतौर पर गृहमंत्री प्रीति पटेल का संदर्भ दिया।

उपचुनाव में छपे पर्चे को लेकर बहस दोबारा तीखी हो गई जिसकी आलोचना लेबर पार्टी के कई नेताओं और भारतीय समुदाय के समूहों ने की है।

ब्रिटेन में रहने वाले उद्यमी और प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव अभियान दल के पूर्व सदस्य प्रोफसर मनोज लाडवा ने ट्वीट किया, ‘‘ यह बहुत ही निराशाजनक और परेशान करने वाला है कि लेबर नेता कीर स्टारमर ने लेबर पार्टी द्वारा हाल में सपंन्न बैटले ऐंड स्पे उपचुनाव के दौरान छपवाए ‘‘नस्लवादी और भारत विरोधी’’ पर्चे की निंदा करने से इनकार कर दिया। यह मुद्दा प्रधानमंत्री जॉनसन ने पीएमक्यू के दौरान उठाया था।’’

पिछले महीने हुए उपचुनाव के दौरान लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (एलएफआईएन) समूह ने तत्काल इस पर्चे को वापस लेने की मांग की थी।

भारतीय मूल के सांसद निवेंदु मिश्र ने ट्विटर के माध्यम से विरोध दर्ज कराया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नस्लवाद जिंदा है और वह भी लेबर (पार्टी) के भीतर।’’

ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (ओएफबीजेपी) समूह ने भी लेबर पार्टी नेता स्टारमर के खिलाफ शिकायती पत्र के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दी थी और पर्चा अभियान में ‘‘वोट बैंक की राजनीति’’ करने पर आलोचना की थी।

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Web Title: Fierce debate in the British Parliament on the issue of printing papers with Johnson-Modi's picture in the by-election

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