ईयू के देशों ने परमाणु ऊर्जा को जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी परिभाषित करने के प्रयासों पर विरोध जताया

By भाषा | Updated: November 11, 2021 20:49 IST2021-11-11T20:49:35+5:302021-11-11T20:49:35+5:30

EU countries protest efforts to define nuclear power as a climate-friendly technology | ईयू के देशों ने परमाणु ऊर्जा को जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी परिभाषित करने के प्रयासों पर विरोध जताया

ईयू के देशों ने परमाणु ऊर्जा को जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी परिभाषित करने के प्रयासों पर विरोध जताया

ग्लासगो, 11 नवंबर (एपी) यूरोपीय संघ के पांच देशों ने बृहस्पतिवार को 27 देशों के समूह में परमाणु ऊर्जा को जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी परिभाषित करने के प्रयासों के खिलाफ रुख व्यक्त किया।

ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से इतर की गयी इस घोषणा का ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, लक्जमबर्ग और पुर्तगाल ने समर्थन दिया।

जर्मनी की पर्यावरण मंत्री स्वेंजा शुल्जे ने कहा, ‘‘परमाणु ऊर्जा जलवायु संकट का समाधान नहीं हो सकती।’’

उन्होंने दलील दी कि परमाणु ऊर्जा बहुत जोखिम पूर्ण है, बहुत धीमी है और टिकाऊ नहीं है।

पांच देशों ने कहा कि जलवायु हितैषी प्रौद्योगिकियों की ईयू स्वीकृत सूची में परमाणु ऊर्जा को शामिल करने से पवन और सौर ऊर्जा जैसी अक्षय ऊर्जाओं से धन हस्तांतरित करने का जोखिम होगा।

फ्रांस और ईयू के कई अन्य सदस्य देशों ने कहा है कि वे जीवाश्म ईंधन के संयंत्रों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के प्रयासों के तहत परमाणु ऊर्जा का उपयोग करना चाहते हैं। ये संयंत्र ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के प्रमुख स्रोत हैं।

उधर डेनमार्क और कोस्टारिका ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता का इस्तेमाल अपनी सरकारों के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को शुरू करने के लिए किया जिन्होंने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को तेल और गैस उत्पादन से हटाने की प्रतिबद्धता जताई है।

दोनों देशों ने एक बयान में कहा कि वे अन्य देशों के साथ इस बाबत करार कर रहे हैं।

ग्लासगो वार्ता में अमेरिका और रूस समेत कई देशों ने जलवायु बचाने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है वहीं जीवाश्म ईंधन के उत्पादन से बहुत तेजी से हटने के लिए जरूरी राजनीतिक और आर्थिक रूप से विशिष्ट कदमों पर संकोच जताया।

इस बीच विकासशील देशों ने कहा कि अमीर देश जलवायु परिवर्तन से मुकाबले का बोझ गरीब देशों पर डालने का प्रयास कर रहे हैं।

बोलिविया के मुख्य वार्ताकार डियेगो पंचेको बलांज ने कहा कि ग्लासगो में जारी जलवायु वार्ता बृहस्पतिवार को एक समय ऐसे बिंदु पर थी जहां दो रास्ते संभव थे। एक रास्ता लोगों और धरती की भलाई के लिए और दूसरा कार्बन उपनिवेशवाद की ओर ले जाने वाला है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें कार्बन उपनिवेशवाद के खिलाफ विकसित देशों से लड़ना होगा।’’

इस साल के जलवायु सम्मेलन के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर कोई भ्रम नहीं है कि अहम बिंदुओं पर रातोंरात जारी नयी रूपरेखा इस स्तर पर सभी देशों को पूरी तरह संतुष्ट करेगी। उन्होंने करीब 200 देशों के वार्ताकारों को अब तक प्रदर्शित सहयोग की भावना के लिए शुक्रिया अदा किया।

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि महत्वपूर्ण फैसले की नयी रूपरेखा शुक्रवार तक जारी हो जाएगी।

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Web Title: EU countries protest efforts to define nuclear power as a climate-friendly technology

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