इस्लामाबाद, 22 अक्टूबर भारत में पाकिस्तान के दूत रहे अब्दुल बासित ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के साथ दुबई सरकार का एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना ‘‘भारत के लिए एक बड़ी सफलता’’ है, जबकि प्रधानमंत्री इमरान खान की विदेश नीति को झटका है।
क्षेत्र में बुनियादी ढांचा को बेहतर बनाने और उद्योग बढ़ाने के लिए श्रीनगर के राजभवन में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और दुबई सरकार के बीच सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे बासित ने कहा, ‘‘एमओयू पर हस्ताक्षर करना भारत के लिए एक बड़ी सफलता है, क्योंकि इस्लामिक सहयोग संगठन(ओआईसी) के सदस्यों ने हमेशा ही कश्मीर पर पाकिस्तान की भावनाओं को आगे रखा है।’’
बासित, 2014 से 2017 के बीच नयी दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे थे।
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ समाचार पत्र ने उनके हवाले से कहा, ‘‘अतीत में, उन्होंने (ओआईसी सदस्य देशों ने) ऐसा कुछ नहीं किया था कि पाकिस्तान को लगता कि मुस्लिम देश और ओआईसी कश्मीर मुद्दे पर हमारे साथ नहीं खड़े हैं। वे बहुत मुखर नहीं हो सकते हैं, लेकिन कश्मीर पर हमारी भावनाओं के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘समाधान तलाशने की कोशिश होनी चहिए। लेकिन क्या यह स्वीकार्य है कि हर चीज एकतरफा हो और भारत के लिए मैदान खाली कर दिया जाए। अब, स्थिति यह है कि मुस्लिम राष्ट्र भारत के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। ’’
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विश्व का भारत पर यकीन है और देश भविष्य में वैश्विक व्यापार में अहम भूमिका निभाएगा।
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