मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर फ्रांस, ब्रिटेन के बीच विवाद

By भाषा | Updated: October 30, 2021 19:59 IST2021-10-30T19:59:36+5:302021-10-30T19:59:36+5:30

Dispute between France, Britain over fishing rights | मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर फ्रांस, ब्रिटेन के बीच विवाद

मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर फ्रांस, ब्रिटेन के बीच विवाद

पेरिस, 30 अक्टूबर (एपी) ब्रिटेन और फ्रांस के बीच ‘इंग्लिश चैनल’ में मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर विवाद गहरा गया है। फ्रांस ने आगामी दिनों में ब्रिटेन की नौकाओं और ट्रकों को रोकने की चेतावनी दी है जबकि ब्रिटेन ने भी ऐसे ही कदम उठाने की बात कही है।

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर ब्रिटेन के साथ फ्रांस का विवाद ब्रेग्जिट के बाद की दुनिया में ब्रिटेन की विश्वसनीयता की परीक्षा है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर ब्रेग्जिट के बाद के व्यापार समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने के मायने ये हैं कि ब्रिटेन का अपने जल क्षेत्र में मछली पकड़ने के कारोबार पर पूरा नियंत्रण है। फ्रांस का दावा है कि उसकी कुछ नौकाओं को उन क्षेत्रों में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं दी गई जहां पहले वह जाती थीं। ब्रिटेन ने कहा है कि उसने यूरोपीय संघ से नौकाओं के लिए आने वाले 98 प्रतिशत आवेदन को मंजूर कर लिया है और फ्रांस की महज कुछ दर्जन नौकाओं को लेकर विवाद है।

ब्रिटेन का कहना है कि कागजी कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण ये कदम उठाए गए हैं। हालांकि फ्रांस का तर्क है कि यह सिद्धांत की बात है और वह अपने हितों की रक्षा करना चाहता है।

फ्रांस ने ‘इंग्लिश चैनल’ से गुजरने वाली ब्रिटिश नौकाओं को रोकने की चेतावनी दी है और कहा है कि लाइसेंस नहीं दिए जाने पर मंगलवार से नौकाओं और ट्रकों की जांच की जाएगी। ब्रिटेन की सरकार ने भी ऐसे ही कदम उठाने की चेतावनी दी है।

यह विवाद इस सप्ताह भड़क गया जब फ्रांस के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि स्कॉटलैंड में पंजीकृत एक जहाज से मछली पकड़ी जा रही थी। ले हावरे में जहाज के कप्तान को हिरासत में लिया गया।

फ्रांस, ब्रिटेन के जलक्षेत्र में मछली के लिए परमिट पर प्रतिबंध से नाराज है और उसका कहना है कि वह उस समझौते का विरोध करता है जिस पर ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ (ईयू) छोड़ते समय हस्ताक्षर किए थे।

वहीं, ब्रिटेन का कहना है कि फ्रांस की कुछ नौकाओं को अधिक कागजी कार्रवाई करने की जरूरत है। इस सप्ताह के अंत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ बैठक से पहले मैक्रों ने अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ के साथ एक साक्षात्कार में फ्रांस की स्थिति का बचाव किया और तर्क दिया कि मछली पकड़ने का विवाद दुनिया भर में ब्रिटेन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।

मैक्रों ने कहा, ‘‘कोई गलती न करें, यह सिर्फ यूरोपीय लोगों के लिए नहीं बल्कि उनके सभी सहयोगियों के लिए है। क्योंकि जब आप किसी संधि पर बातचीत करने में वर्षों लगाते हैं और फिर कुछ महीने बाद आप उन पहलुओं पर जो तय किया गया था, उसके विपरीत करते हैं तो यह आपकी विश्वसनीयता का एक बड़ा संकेत नहीं है।’’

मैक्रों ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि विवाद को सुलझाने के लिए ब्रिटेन के पास ‘इच्छाशक्ति’ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक-दूसरे का सम्मान करने और प्रतिबद्धता का पालन करने की आवश्यकता है।’’

फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स ने यूरोपीय संघ से विवाद में फ्रांस का समर्थन करने का आग्रह करते हुए कहा कि ईयू को दिखाना चाहिए कि समूह का साथ छोड़ना ज्यादा नुकसानदेह है।

उत्तरी फ्रांस के कैलाइस और बोलोग्ने-सुर-मेरो बंदरगाह के अध्यक्ष ज्यां मार्क पुइसेसायू ने विवाद को बेतुका बताया और दोनों देशों से इसे सुलझाने का आग्रह किया।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ने स्वीकार किया कि फ्रांस के साथ संबंधों में गतिरोध पैदा हुआ है और आगाह किया कि अगर फ्रांस कोई कदम उठाता है तो ब्रिटेन भी ऐसी ही कार्रवाई करेगा।

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Web Title: Dispute between France, Britain over fishing rights

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