कोविड हमें पारंपरिक स्कूली परीक्षाओं को खत्म करने पर विचार करने का मौका देता है

By भाषा | Updated: September 12, 2021 14:47 IST2021-09-12T14:47:25+5:302021-09-12T14:47:25+5:30

Covid gives us a chance to consider doing away with traditional school exams | कोविड हमें पारंपरिक स्कूली परीक्षाओं को खत्म करने पर विचार करने का मौका देता है

कोविड हमें पारंपरिक स्कूली परीक्षाओं को खत्म करने पर विचार करने का मौका देता है

(प्रोफेसर जॉन फिस्चेती, प्रो वाइस-चांसलर, कॉलेज ऑफ ह्यूमैन एंड सोशल फीचर्स, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल)

कलाघन (ऑस्ट्रेलिया), 12 सितंबर (द कन्वरसेशन) विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स स्कूल में कक्षाओं के अंत में होने वाली परीक्षाएं कराने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। टीकाकरण का लक्ष्य हासिल न करना इसकी वजह हो सकती है और हफ्तों तक बच्चों के नियमित कक्षाओं में उपस्थित न होने जैसे अन्य मुद्दे भी हैं।

न्यू साउथ वेल्स ने अपनी एचएससी (उच्चतर स्कूल सर्टिफिकेट) परीक्षाएं नवंबर तक स्थगित कर दी है। विक्टोरिया ने अपनी सामान्य उपलब्धि परीक्षा टाल दी है लेकिन उसने एचएससी के समान अपनी वीसीई परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया है।

कुछ आलोचकों का मानना है कि परीक्षाओं को टालना पर्याप्त नहीं है और वे राज्यों से स्कूल के अंत में होने वाली परीक्षाएं खत्म करने की मांग कर रहे हैं।

दो तरह के विचार :

पहला विचार यह है कि 12वीं कक्षा के छात्रों को वैसी स्कूली शिक्षा खत्म करने का अधिकार है जो उन्होंने शुरू की थी। हमने उन्हें इस मील के पत्थर की महत्ता के लिए राजी करने पर 12 साल बिताए। कई छात्र इस बात को लेकर चिंतित है कि क्या परीक्षाएं रद्द कर दी जाएंगी और क्या सिर्फ उनके पिछले प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय तथा अन्य संस्थानों में जाने की उनकी संभावनाएं खतरे में पड़ जाएगी। कुछ छात्र इन वजहों से परीक्षाएं देने की वकालत कर रहे हैं।

दूसरा विचार यह है कि हम वर्षों से जानते हैं कि स्कूली परीक्षाएं खत्म करने से कई युवा तनाव में आ सकते हैं। तो हमें अपने बच्चों पर से तनाव कम करना चाहिए और वैकल्पिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण प्रदाताओं तथा विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

विश्वविद्यालय तक जाने के वैकल्पिक रास्ते रहे हैं और हाल के वर्षों में इनका विस्तार हो रहा है। हम विषय विशेष दाखिला योजनाएं, प्रधानाचार्य की सिफारिशों और ‘पोर्टफोलियो’ समेत मौजूदा रास्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सोच-समझकर फैसला लेने के लिए किसी भी छात्र की पर्याप्त जानकारी पहले ही उपलब्ध है और अधिकारी इस साल बिना परीक्षाओं के ही दाखिला लेने पर विचार कर सकते हैं।

बाकी दुनिया क्या कर रही है?

अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम, आयरलैंड, नीदरलैंड और जर्मनी में महामारी संबंधी पाबंदियों के कारण इस साल स्कूल के अंत में होने वाली परीक्षाएं रद्द कर दी गयीं। डेनमार्क, इजराइल और ऑस्ट्रिया में परीक्षाओं में संशोधन किया गया जबकि इटली ने केवल मौखिक परीक्षाएं करायी।

ब्रिटेन ने पिछले दो साल से अपनी ए-स्तर की परीक्षाओं को रद्द कर दिया और फिनलैंड में छात्रों को कई बार विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी गयी। अधिकांश एशियाई देशों ने अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दी।

ऑस्ट्रेलिया के पास क्या विकल्प हैं?

आस्ट्रेलिया के शैक्षिक नेताओं और नीति निर्माताओं के पास तीन अलग विकल्प हैं :

1) हमारे पास जो व्यवस्था उसे जारी रखा जाए और उसमें सुधार किया जाए।

राज्यों में कई शिक्षा मंत्रियों और नियामकों ने पहले विकल्प का समर्थन किया है। पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार करने से उनके उच्च मानक तय होंगे।

2) मौजूदा व्यवस्था में शिक्षार्थी ‘प्रोफाइल’ जोड़ें।

यह विकल्प इस विचार पर आधारित है कि हमें उन कौशल का विस्तार करने की आवश्यकता है जिसे हम युवाओं में अहमियत देते हैं। भविष्य के कौशल में आलोचनात्मक विचार विमर्श, समस्याओं को हल करना तथा सहयोग शामिल है।

3) स्कूली शिक्षा और मूल्यांकन की नयी रूपरेखा के साथ व्यवस्था को बदलें।

हमारी शिक्षा व्यवस्था शिक्षण, शिक्षा और मूल्यांकन की 20वीं सदी (या पहले) की रूपरेखाओं पर बनी है। कोविड हमें ऐसा करने का मौका देता है जो हम पहले कर सकते थे - हमारे सीखने के मौजूदा ज्ञान पर आधारित आधुनिक मूल्यांकन मॉडल के साथ आगे बढें। हमारे सभी बच्चों के लिए नयी-नयी चीजें सीखने और अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने का लक्ष्य है।

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Web Title: Covid gives us a chance to consider doing away with traditional school exams

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