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Coronavirus Pandemic: 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत, एंतोनियो गुतारेस बोले- “दुखदायी पड़ाव” और “बीमारी की निर्दयता” ने बदतर बना दिया

By भाषा | Updated: September 29, 2020 15:26 IST

बयान में उन्होंने कहा, “वे माता, पिता, पत्नी, पति, भाई और बहन थे। दोस्त और सहकर्मी थे। इस बीमारी के बरकरार रहने से दर्द कई गुना बढ़ गया है। संक्रमण के जोखिम की वजह से परिवार घरों में ही रह रहे हैं। और जीवन में दुख या आनंद मनाना अक्सर असंभव हो रहा है।”

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ठळक मुद्देहामारी से मौत के आंकड़े के 10 लाख के पार पहुंच जाने के बाद जारी एक बयान में गुतारेस ने इसे “स्तब्ध करने वाला आंकड़ा” करार दिया।“विषाणु के प्रसार, नौकरियों के जाने और शिक्षा में व्यवधान तथा हमारी जिंदगी में महामारी के कारण आई मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रहीं।” सहयोग और विज्ञान के साथ सामाजिक दूरी का पालन करने और मास्क लगाने जैसे ऐहतियात बरतकर इससे बचा जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत एक “दुखदायी पड़ाव” है जिसे इस “बीमारी की निर्दयता” ने और बदतर बना दिया है। महामारी से मौत के आंकड़े के 10 लाख के पार पहुंच जाने के बाद जारी एक बयान में गुतारेस ने इसे “स्तब्ध करने वाला आंकड़ा” करार दिया।

बयान में उन्होंने कहा, “वे माता, पिता, पत्नी, पति, भाई और बहन थे। दोस्त और सहकर्मी थे। इस बीमारी के बरकरार रहने से दर्द कई गुना बढ़ गया है। संक्रमण के जोखिम की वजह से परिवार घरों में ही रह रहे हैं। और जीवन में दुख या आनंद मनाना अक्सर असंभव हो रहा है।”

गुतारेस ने चेतावनी दी, “विषाणु के प्रसार, नौकरियों के जाने और शिक्षा में व्यवधान तथा हमारी जिंदगी में महामारी के कारण आई मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रहीं।” उन्होंने कहा कि इसके बावजूद जिम्मेदार नेतृत्व , सहयोग और विज्ञान के साथ सामाजिक दूरी का पालन करने और मास्क लगाने जैसे ऐहतियात बरतकर इससे बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी दवा बनती है तो वह “सभी के लिये उपलब्ध व वहनीय होनी चाहिए।”

मणिपुर की महिला ने कमल के डंठल से धागा और कपड़ा बनाया, अब बना रही मास्क

मणिपुर के बिसेनपुर जिले की 27 वर्षीय एक महिला अन्वेषक ने कमल के डंठल से धागा और कपड़ा बनाया है और अब उसी पौधे के डंठल से मास्क बनाने का अनोखा काम कर रही है। राज्य की प्रसिद्ध लोकतक झील के पास थंगा टोंगब्रम इलाके की निवासी टोंगब्रम बिजयशांति ने बताया कि वह 15 महिलाओं के साथ इस परियोजना में शामिल हैं और 20 और महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं। लोकतक झील में बड़ी संख्या में कमल के फूल उगते हैं।

बिजयशांति ने कहा कि उसने 2018-19 में अपने कारोबार को शुरु करने के लिए कमल के तने से धागा और कपड़ा बनाया। उसके उत्पाद को गुजरात प्रयोगशाला में भेजा गया जिसने इसके लिए हरी झंडी दे दी। वनस्पति विज्ञान में स्नातक शांति ने कहा, ‘‘मैंने ज्यादातर इंटरनेट से ही उत्पादन पद्धति के बारे में जाना और मेरे एक शिक्षक ने मुझसे इसे जीविका का स्रोत बनाने के लिए कहा तो 2017-18 में यह काम शुरु कर दिया।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रडियो कार्यक्रम में बिजयशांति के प्रयासों की सराहना की।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ट्वीट कर बिजयशांति के डंठल से धागा और कपड़ा बनाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ट्वीट किया, “मन की बात में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमल की डंठल से धागा बनाने वाली मणिपुर की बिजयशांति की सराहना की। उनके प्रयासों ने कमल की खेती और वस्त्र उद्योग के नए आयाम खोल दिए हैं।” कमल के डंठल से बने कपड़ों की विदेशों में बहुत मांग है।

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