Coronavirus Lockdown: मुस्लिमों ने अभूतपूर्व लॉकडाउन के बीच रमजान के पाक माह की शुरुआत की

By भाषा | Updated: April 24, 2020 14:51 IST2020-04-24T14:48:29+5:302020-04-24T14:51:46+5:30

दुनिया भर के मुस्लिम धर्म गुरुओं ने अपील है कि इस बार कोरोना वायरस के चलते घरों पर इबादत करें. कोविड-19 की वजह से दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन है.

Coronavirus Lockdown: Muslims begin Pak month of Ramadan amid unprecedented lockdown | Coronavirus Lockdown: मुस्लिमों ने अभूतपूर्व लॉकडाउन के बीच रमजान के पाक माह की शुरुआत की

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsदुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर पिछले चार महीने से जारी है, इस महामारी के चलते अरबों लोग घरों में बंद है.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संपर्क को सीमित रखने के लिए रमजान की कुछ गतिविधियों पर रोक लगाने की अपील की है।

दुनिया भर के मुस्लिमों ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच शुक्रवार को रमजान के पाक माह की शुरुआत की जहां पारिवारिक जुटान और सामूहिक नमाजों पर अभूतपूर्व प्रतिबंध लागू हैं जबकि कुछ देशों की ओर से इन प्रतिबंधों को मानने से इनकार करने ने संक्रमण बढ़ने की आशंका उत्पन्न कर दी है।

इस साल, रोजे रखने का यह पाक महीना एशिया, पश्चिम एशिया और उत्तर अमेरिका में कई लोगों के उल्लास को फीका कर देगा। मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए एकत्र होने या शाम में “इफ्तार’’ के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने पर व्यापक प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों ने देश के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में त्यौहार के उत्साह को मंद कर दिया है जहां देश के धार्मिक संगठनों ने श्रद्धालुओं से घर पर ही रहकर इसे मनाने का आह्वान किया है।

इंडोनेशिया की गृहिणी फितरिया फमेला ने कहा, “यह रमजान बहुत अलग है- यह उत्सव जैसा नहीं है।” उन्होंने कहा, “मैं निराश हूं कि मैं मस्जिद नहीं जा सकती हूं, हम क्या कर सकते हैं? दुनिया अब अलग है।” हालांकि विश्व के आधे से ज्यादा मुस्लिमों की आबादी वाले एशिया में कुछ धार्मिक नेताओं ने कोविड-19 के प्रसार को लेकर आशंकाओं से इनकार किया है।

इंडोनेशिया के रूढ़िवादी आसेह प्रांत में शीर्ष इस्लामी संगठन ने घर में रहने के राष्ट्रीय आदेश का सार्वजनिक तौर पर विरोध किया है। कई हजार नमाजियों ने क्षेत्र की राजधानी बंदा आसेह में सबसे बड़े मस्जिद में बृहस्पतिवार को शाम की नमाज में हिस्सा लिया हालांकि भीड़ सामान्य से कम थी। कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें डर नहीं है क्योंकि वे मास्क पहने हुए हैं और सामाजिक दूरी बनाए हुए हैं। बड़ी धार्मिक सभाओं में वायरस के जोखिम का बढ़ना एशिया में संक्रमण के दौर के जरिए हाल के कुछ हफ्तों में दर्शाया गया है जो मलेशिया, पाकिस्तान और भारत में अलग-अलग विशाल इस्लामी सभाओं से जुड़े हुए हैं।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संपर्क को सीमित रखने के लिए रमजान की कुछ गतिविधियों पर रोक लगाने की अपील की है। लेकिन बांग्लादेश में मजहबी नेताओं ने मस्जिदों में जाने वाले लोगों की संख्या को घटाने के प्रयास का विरोध किया है और पाकिस्तान में श्रद्धालुओं को रमजान शुरू होने से पहले मस्जिदों में बड़ी संख्या में उपस्थित देखा गया जहां वे करीब-करीब बैठे थे और सामाजिक दूरी के नियम को नजरअंदाज करते दिखे।

मलेशिया के रूढ़िवादी केलनतन राज्य में शीर्ष इस्लामी मौलाना मोहम्मद शुकरी मोहम्मद ने सार्वजनिक नमाजों और परिवार के साथ इफ्तार टालने की योजना बनाई है भले ही इसके लिए उन्हें अपने छह बच्चों और 18 नाती-पोतों का मुंह न देखना पड़े।

उन्होंने कहा, “मेरे जीवन में यह पहली बार हो रहा है कि मैं मस्जिद नहीं जा पाया। लेकिन हमें इसे स्वीकार करना चाहिए और हमारी जिंदगी को बचाने के लिए सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना चाहिए।” मुस्लिम बहुल मलेशिया ने मई के मध्य तक सख्त लॉकडाउन लागू किया हुआ है जहां मस्जिद, स्कूल और ज्यादातर कारोबार बंद हैं। पड़ोसी इंडोनेशिया में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ने की आशंका है जब रमजान के अंत तक लाखों लोग अपने गृह नगर और गांव की यात्रा करते हैं। इस आशंका के चलते 26 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश को वार्षिक पलायन पर प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ा। जकार्ता के निवासी एरिक फेबरियान ने कहा कि वह नगर से बाहर अपने परिजनों के साथ संपर्क में रहने के लिए कंप्यूटर पर आश्रित हैं। 

Web Title: Coronavirus Lockdown: Muslims begin Pak month of Ramadan amid unprecedented lockdown

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