कोरोना महामारी पर चीन को लेकर बड़ा खुलासा, कोविड-19 पर 6 दिन तक जनता से छुपाई थी बात

By विनीत कुमार | Updated: April 16, 2020 12:35 IST2020-04-16T12:29:24+5:302020-04-16T12:35:33+5:30

Coronavirus: दरअसल, चीन हमेशा से कहता रहा है कि उसने कोरोना को लेकर शुरुआत में कोई जानकारी नहीं छुपाई थी और WHO को समय रहते इस बारे में सूचित किया था।

Coronavirus china did not warn of likely pandemic for 6 critical day says report | कोरोना महामारी पर चीन को लेकर बड़ा खुलासा, कोविड-19 पर 6 दिन तक जनता से छुपाई थी बात

चीन ने कोरोना वायरस पर 6 दिन तक छुपाई बात (फाइल फोटो)

Highlightsचीन ने शुरुआत में कोरोना से जुड़ी जानकारी छुपाने की कोशिश की थी, रिपोर्ट में खुलासा शी जिनपिंग ने 20 जनवरी को पहली बार लोगों को चेतावनी दी, तब तक 3000 लोग हो चुके थे संक्रमित

भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के जारी कहर के बीच चीन में इस बीमारी के शुरुआती दिनों को लेकर एक बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना के केस मिलने के शुरुआती 6 दिनों में शीर्ष चीनी अधिकारियों को अंदाजा लग गया था कि उनका सामना एक वैश्विक महामारी से होने जा रहा है।

इसके बावजूद उन्होंने इस बात को छिपा कर रखा। यही नहीं, बीमारी के केंद्र रहे वुहान शहर में हजारों लोगों के लिए एक बड़े भोज का आयोजन भी इस दौरान हुआ और साथ ही लाखों ने चीन में नए साल के समारोह के लिए यात्रा भी शुरू कर दी थी।

कोरोना संक्रमण मामले चीन में बढ़ने के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सातवें दिन, यानी 20 जनवरी को जनता को आगाह किया। न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस द्वारा हासिल किए गए कुछ दस्तावेजों के अनुसार प्राप्त आंतरिक दस्तावेजों और पूर्वव्यापी अनुमानों के आधार पर प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सातवें दिन, 20 जनवरी को जनता को आगाह किया था। हालांकि उस समय तक, लगभग 3000 लोग संक्रमित हो चुके थे। यह जानकारी इन दस्तावेजों पर कुछ विशेषज्ञों के अनुमान के बाद सामने आई है।

चीनी अधिकारियों द्वारा 14 जनवरी से 20 जनवरी तक की गलती इसलिए भी अहम है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें इस वायरस के प्रकोर को रोकने के लिए महीने भर से प्रयास कर रही हैं। दूसरी सरकारों ने भी इसके खतरनाक स्तर को समझने में गलती की लेकिन पहले चरण में चीन की लापरवाही से ये अब 20 लाख लोगों तक पहुंच गया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्नियां में एपिडेमियोलॉजिस्ट जूओ-फेंग झांग के अनुसार, 'अगर उन्होंने (चीन) ने पहले एक्शन लिया होता तो मरीजों की संख्या बहुत कम होती और हमारे पास उचित मेडिकल संसाधन भी मौजूद रहते।'

दस्तावेजों से पता चलता है कि चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के प्रमुख मा शियाओवेई ने प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक गोपनीय आकलन 14 जनवरी को किया था। एक ज्ञापन (मेमो) में कहा गया है कि कोरोना वायरस पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग, प्रीमियर ली केकियांग और वाइस प्रीमियर सन चुनान से निर्देशों को हासिल करने के लिए टेलीकांफ्रेंस भी आयोजित की गई थी। हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि वे निर्देश क्या थे।

इस मेमो में ये भी कहा गया है कि 'महामारी की स्थिति अभी गंभीर और जटिल है। यह 2003 में SARS के बाद से सबसे गंभीर चुनौती है, और एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती में बदल सकती है।

Web Title: Coronavirus china did not warn of likely pandemic for 6 critical day says report

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