वाशिंगटन। पूरी दुनिया कोरोना के कहर से लगातार जूझ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 39 हजार से ज्यादा हो गई है। संक्रमितों की संख्या 32 लाख 20 हजार को पार कर गई है। जबकि दस लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। इस जानलेवा वायरस ने दुनिया में सबसे ज्यादा अमेरिका में तबाही मचाई है। अमेरिका में बीते 24 घंटों में 1883 मरीजों ने दान गंवाई। वहां मृतकों की संख्या 65 हजार के पार चली गई है। वहीं 11 लाख 31 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। अमेरिका में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है, जॉन हॉप्किंस के आंकड़ों के मुताबिक यहां पिछले 24 घंटों में 1883 लोगों की मौत हुई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में गिलियड की रेमडेसिविर दवा को कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है।
कोरोना वायरसचीन की वुहान प्रयोगशाला से पैदा हुआ : ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि दुनियाभर में 2,33,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले और अर्थव्यवस्थाओं को तबाह करने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर की एक विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से हुई है। ट्रंप की ये टिप्पणियां उनके अपने खुफिया समुदाय के बृहस्पतिवार को दिए सार्वजनिक बयान से अलग है जिसमें कहा गया है कि अभी उन्होंने यह पता नहीं लगाया गया है कोविड-19 संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से फैला या यह वुहान की किसी प्रयोगशाला में हुई किसी दुर्घटना का नतीजा है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका
अमेरिका इस संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित देश है। वहां कोरोना वायरस से 65,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और 10,69,400 मामले सामने आए। अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है तथा पिछले हफ्ते करीब 40 लाख और अमेरिकियों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन दिया। ट्रंप ने इस वैश्विक महामारी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि उन्होंने चीन के लिए जन संपर्क एजेंसी की तरह काम किया।’’
चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग पर मेहरबान हुए ट्रंप
बहरहाल, उन्होंने इस बीमारी के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को जिम्मेदार नहीं ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहना चाहता लेकिन निश्चित तौर पर इसे रोका जा सकता था। यह चीन से पैदा हुआ और इसे रोका जा सकता था और काश वे इसे रोकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे या तो इसे रोकने में सक्षम नहीं थे या वे रोकना नहीं चाहते थे और दुनिया को इसका भारी खमियाजा उठाना पड़ा।’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘एक और बात है, चीन ने उसके यहां आने जाने वाली सभी हवाई सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन अमेरिका और पूरे यूरोप में चीन से आने वाली और वहां जाने वाली हवाई सेवाएं बंद नहीं की गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देश (अमेरिका) बहुत भाग्यशाली है और मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने चीन पर बहुत जल्दी प्रतिबंध लगा दिया।