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चीन की प्रयोगशाला से संभवत: नहीं फैला होगा कोरोना वायरस : डब्ल्यूएचओ की टीम

By भाषा | Updated: February 9, 2021 22:12 IST

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(स्लग में बदलाव के साथ)

वुहान (चीन), नौ फरवरी (एपी) कोविड-19 की उत्पत्ति की छानबीन कर रहे अंतरराष्ट्रीय एवं चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस वायरस के एक चीनी प्रयोगशाला से फैलने की संभावना जताने वाले सिद्धांत को मंगलवार को खारिज कर दिया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के खाद्य सुरक्षा एवं जंतु रोग विशेषज्ञ पीटर बेन एम्बारेक ने मध्य चीन के शहर वुहान में कोरोना वायरस के संभावित तौर पर उत्पन्न होने के विषय की वैज्ञानिकों की टीम द्वारा की गई जांच के संपन्न होने पर एक आकलन में यह कहा।

एम्बारेक डब्ल्यूएचओ की टीम की नेतृत्व कर रहे थे।

वुहान की करीब चार हफ्तों की यात्रा टीम के संपन्न करने पर उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हालांकि यह उस कहानी को और आगे बढ़ाती है।

गौरतलब है कि विश्व में वुहान में ही दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामना आया था।

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी ने वायरस के व्यापक स्तर पर नमूने एकत्र किये थे, जिसके चलते ये अप्रामाणित आरोप लगाये गये थे कि वायरस वहीं से आसपास के वातावरण में फैला होगा। हालांकि, चीन ने इस संभावना को सिरे से खारिज कर दिया था और इन सिद्धांतों का प्रचार किया था कि वायरस कहीं और उत्पन्न हुआ होगा।

एम्बारेक ने कहा कि हालांकि, विशेषज्ञ वायरस के इस तरह के प्रसार की संभावना पर कुछ इस तरह से विचार कर रहे हैं कि यह भविष्य में इस पर विचार करने के लिए कोई गुंजाइश छोड़ेगा।

एम्बारेक ने कहा, ‘‘जांच के हमारे शुरुआती नतीजों में यह पता चला है कि किसी रोगाणु वाहक प्रजाति (जंतु) के माध्यम से इस (वायरस) ने मानव शरीर में प्रवेश किया होगा तथा इस पर और अधिक लक्षित अध्ययन किये जाने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, नतीजों से पता चलता है कि प्रयोगशाला की घटनाओं को मानव आबादी में वायरस के फैलने के लिए जिम्मेदार ठहराने की संभावना बहुत कम है। ’’

डब्ल्यूएचओ की टीम ने संस्थान के अलावा अस्पतालों, अनुसंधान संस्थानों, महामारी के प्रसार से संबद्ध एक पारंपरिक बाजार और अन्य स्थानों का दौरा किया। टीम में 10 देशों के विशेषज्ञ शामिल हैं।

चीनी पक्ष के प्रमुख लियांग वेनीयान ने कहा कि वायरस बाजार के बजाय शहर के अन्य हिस्सों में फैलता प्रतीत हुआ था इसलिए इस बात की संभावना बी हुई है कि वायरस कहीं और पैदा हुआ होगा।

माना जाता है कि यह वायरस चमगादड़ों में पैदा हुआ था और अन्य जंगली जंतु के माध्यम से इस वायरस ने मानव शरीर में प्रवेश किया।

एम्बारेक ने कहा कि शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर रखे गये उत्पादों के जरिए भी इसके फैलने की संभावना है।

टीम के एक अन्य सदस्य एवं जंतु विज्ञानी पीटर डजाक ने कहा कि टीम ने कई मुद्दों पर गौर किया, जैसे कि पहला मामला क्या था, इसके जंतुओं से संबंध और क्या आयातित ‘फ्रोजेन फूड’ की भी कोई भूमिका थी--चीन इस सिद्धांत को वायरस की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार ठहराता रहा है।

इस विषय की एक स्वतंत्र जांच की अपील को चीन द्वारा निरंतर खारिज किये जाने के बीच डब्ल्यूएचओ की टीम ने यह दौरा किया है।

गौरतलब है कि इस महामारी से दुनिया भर में 23 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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