मुस्लिम आबादी को लेकर चीन सरकार का बड़ा फैसला, मिटाए जाएंगे इस्लामिक प्रतीकों के नामोनिशान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 1, 2019 20:42 IST2019-08-01T20:42:26+5:302019-08-01T20:42:26+5:30

चीन में यह सिलसिला 2009 से शुरू हुआ। जब चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और चीनी नागरिकों के बीच दंगे भड़क गए थे।

Chinese government's big decision will be erased on the Muslim population, the symbols of Islamic symbols will be erased. | मुस्लिम आबादी को लेकर चीन सरकार का बड़ा फैसला, मिटाए जाएंगे इस्लामिक प्रतीकों के नामोनिशान

मुस्लिम आबादी को लेकर चीन सरकार का बड़ा फैसला, मिटाए जाएंगे इस्लामिक प्रतीकों के नामोनिशान

मुस्लिम आबादी को लेकर चीन प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के बाद चीनी प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। देश की राजधानी बीजिंग में इस्लामी प्रतीक व उनके नामों निशान मिटाए जा रहे हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन सरकार ने यहां की रेस्टोरेंट, फूड स्टाल, अरबी में लिख शब्द और अन्य इस्लामिक प्रतीकों का नामो-निशान मिटाने का आदेश दिया है। 

न्यूज 18 वेबसाइट में छपी एक खबर के मुताबिक बीजिंग में एक अधिकारी ने एक दुकानदार को अरबी में लिखा हलाल शब्द हटाने के लिए कहा। दुकानदार ने जब तक वह शब्द हटा नहीं लिया अधिकारी वहीं मौजूद रहा। हालांकि इसकी शुरुआत 2016 में हो गई थी। 

मालूम हो कि साल 2016 में चीन ने अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मुहिम चलाई थी। इस मुहिम के तहत अरबी भाषा और इस्लामिक तस्वीरों को हटाया जा रहा था। इस मुहिम के जरिए देश की कई मस्जिदों पर मध्य-पूर्वी शैली के गुंबदों को तोड़कर उन्हें चीनी शैली के पगोडा में तब्दील किया जा रहा है। 

बता दें कि चीन में 2 करोड़ मुस्लिम रहते हैं। यह अभियान सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ नहीं चलाया जा रहा है, बल्कि चर्चों पर भी प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।

दरअसल, चीन में यह सिलसिला 2009 से शुरू हुआ। जब चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और चीनी नागरिकों के बीच दंगे भड़क गए थे। इसके बाद चीन ने आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया, जिसमें आरोप लगा कि सरकार मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है

Web Title: Chinese government's big decision will be erased on the Muslim population, the symbols of Islamic symbols will be erased.

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