चीन ने स्वदेशी नेवीगेशन उपग्रह प्रणाली की शुरुआत की, अमेरिकी जीपीएस को देगा टक्कर, विस्तार से पढ़ें
By भाषा | Updated: July 31, 2020 17:29 IST2020-07-31T17:29:27+5:302020-07-31T17:29:27+5:30
इससे चीन को मुख्य लाभ यह होगा कि वह अपनी मिसाइलों को निर्देशित करने के लिए जीपीएस के बदले अपने नेवीगेशन प्रणाली का इस्तेमाल कर सकता है।

चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग (फाइल फोटो)
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को देश के स्वदेशी बेइदोऊ नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम की आधिकारिक शुरुआत की जो अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) को टक्कर दे सकता है और इससे चीन की सुरक्षा के साथ ही भू-राजनीतिक दबदबा बढ़ सकता है।
चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी एवं पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के नेता चिनफिंग ने बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में एक समारोह में बेइदोऊ नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम की आधिकारिक शुरुआत की। इससे पहले घोषणा की गई थी नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम के लिए 23 जून को प्रक्षेपित 55वें एवं अंतिम उपग्रह ने सभी परीक्षणों के बाद काम करना शुरू कर दिया है।
यह उपग्रह बेइदोऊ नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम का हिस्सा है जिसे बीडीएस-3 के तौर पर जाना जाता है। इसके तहत 2018 में उन देशों को नेवीगेशन सेवाएं मुहैया कराये जाने की शुरूआत की गई थी जो चीन के महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड’ परियोजना में शामिल हैं।
यह प्रणाली अत्यंत सटीकता के साथ नेविगेशन में सहायता प्रदान करती है। चीन का कहना है कि वह अन्य उपग्रह नेवीगेशन प्रणालियों के साथ सहयोग करना चाहता है लेकिन बेइदोऊ की अंतत: प्रतिस्पर्धा अमेरिकी जीपीएस, रूस के जीएलओएनएएसएस और यूरोपीय संघ के गैलीलियो नेटवर्क से हो सकती है।
इससे चीन को मुख्य लाभ यह होगा कि वह अपनी मिसाइलों को निर्देशित करने के लिए जीपीएस के बदले अपने नेवीगेशन प्रणाली का इस्तेमाल कर सकता है, यह विशेष तौर अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।