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चीन में नियम-आधारित व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने की क्षमता है : ब्लिंकन

By भाषा | Updated: June 9, 2021 15:55 IST

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(ललित के. झा)

वाशिंगटन, नौ जून अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि चीन अकेला ऐसा राष्ट्र है जो सैन्य, आर्थिक, कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से उस नियम-आधारित व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने की क्षमता रखता है, जिसका अमेरिका, उसके मित्र और सहयोगी दृढ़ता से बचाव करते हैं।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ अमेरिका के संबंध सबसे अहम और सबसे जटिल दोनों हैं।

ब्लिंकन ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सांसदों से कहा, ‘‘ चीन अकेला ऐसा राष्ट्र है जो सैन्य, आर्थिक, कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से उस नियम-आधारित व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने की क्षमता रखता है, जिसका हम दृढ़ता से बचाव करते हैं, क्योंकि इसने इतने वर्षों से हमारी सुरक्षा एवं समृद्धि को बेहतर किया है।’’

‘सीनेट एप्रोप्रिएशन कमेटी’ के समक्ष विदेश मंत्रालय के 2022 के बजट के अनुरोध पर चर्चा के दौरान ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका-चीन संबंधों में इसके प्रतिकूल पहलू बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें निश्चित रूप से कुछ प्रतिस्पर्धी और कुछ सहकारी भी हैं। लेकिन सामान्य तरीका उन पहलुओं में से प्रत्येक को मजबूत स्थिति में देखना है। मुझे लगता है कि यह मजबूती कुछ चीजों से ही आनी शुरू हो सकती है।’’

ब्लिंकन ने कहा कि यह गठबंधन और साझेदारी से ही सकता है। ‘‘यह हमारे लिए एक अनूठा रणनीतिक फायदा है, कुछ ऐसा, जो चीन को पसंद नहीं है। इसलिए, हम उन गठबंधनों और साझेदारियों को फिर से मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अंतरराष्ट्रीय जीवन में हमारी भागीदारी शामिल है क्योंकि जब हम पीछे हटते हैं, तो चीन को मौका मिल जाता है और वह नियमों को अलग आकार देना तथा मानदंड तय करना शुरू कर देता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें पूरी तरह से हमारी सेना और हमारी निवारक क्षमता शामिल है...कुछ साल पहले हमने अपने संसाधनों को एशिया प्रशांत में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया था, जिसमें हमारी नौसेना का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।’’

चीन लगभग 13 लाख वर्ग मील दक्षिण चीन सागर क्षेत्र पर अपना दावा करता है। वह ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम द्वारा दावा किए गए क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य ठिकानों का निर्माण कर रहा है।

ब्लिंकन ने कहा कि तकनीक में निवेश, हमारे कार्यकर्ता, नवाचार और अनुसंधान का विकास...इन सभी तत्वों को एक साथ लाने का मकसद चीन का मजबूती से सामने करना है।

विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन परमाणु कार्यक्रम पर अधिक निवेश कर रहा है और अपना शस्त्रागार बनाना चाहता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह ऐसा कुछ है, जिस पर जो मुझे लगता है कि हमें गौर करने की आवश्यकता है क्योंकि यह एक बढ़ती हुई चुनौती पेश करता है। इसलिए, हम इस पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। हम इस पर काम कर रहे हैं।’’

ब्लिंकन ने कहा कि चीन का मजबूती से सामना करना ही उसके साथ संबंधों का आधार होना चाहिए। इस मजबूती का प्रमुख आधार गठबंधन और साझेदारी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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