नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनातनी के बीच चीन ने दावा किया है कि भारतीय सैनिकों ने गलवान घाटी में फिर LAC पार की। दरअसल, चीन की सेना (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में उल्टे भारतीय सेना के जवानों पर ही सीमा पार कर हमला करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 'भारतीय सैनिकों ने फिर से गलवान घाटी क्षेत्र में LAC पार की और जानबूझकर भड़काऊ कार्रवाई की। जिसके बाद ये हिंसक झड़प और मौतें हुईं।
बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले काफी वक्त से लद्दाख में जारी विवाद अब और भी गहरा गया है। सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है। इस झड़प में भारतीय सेना के अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। ये घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी।
हिंसक झड़प में मारे गए 5 चीनी सैनिक, 11 घायल
लद्दाख की गैलवान घाटी में भारत के साथ हुई झड़पों में पांच चीनी सैनिक मारे गए और 11 घायल हुए हैं। चीन के प्रशासन के मुखपत्र 'द ग्लोबल टाइम्स' के एक सीनियर रिपोर्टर ने यह जानकारी है। अखबार के एक ट्वीट ने इस बीच जोर देकर कहा है कि उसने वास्तव में रिपोर्ट नहीं किया है कि झड़प में चीन की ओर से कितने सैनिक हताहत हुए हैं।
ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ ने तब ट्वीट किया, "गैलवान घाटी में हुई 'शारीरिक झड़प' में चीनी पक्ष को भी हताहत होना पड़ा है। मैं भारतीय पक्ष से कहना चाहता हूं, 'गुरूर मत करो और चीन के संयम को कमजोर समझने की गलती मत करो"
चीन ने कहा- भारत ऐसी कार्रवाई नहीं करे जिससे हालात बिगड़े
लद्दाख में सीमा पर बढ़े हुए तनाव के बीच चीन ने भारत से कोई भी एकतरफा कार्रवाई नहीं करने को कहा है। चीन के ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को कोई भी एकतरफा कार्रवाई करने और विवाद को और बढ़ाने से बचना चाहिए। चीन की ओर से साथ ही भारतीय सैनिकों द्वारा बॉर्डर को क्रॉस करने का आरोप लगाया गया। चीन के विदेश मंत्री झाओ लिजियान की ओर से पत्रकारों को बताया गया कि सोमवार को भारतीय दल ने दो बार बॉर्डर पार किया था।
मई से जारी है भारत-चीन सीमा पर तनाव
बीते कई दिनों से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव है। इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है। बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी कि बॉर्डर पर तनाव कम किया जाए या डी-एक्सकेलेशन किया जाए। डी-एक्सकेलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाकों से पीछे हट रही थीं।