सूडान संकट: भारतीयों को निकालने के लिए दो C-130J विमान सऊदी अरब में स्टैंडबाय पर, INS सुमेधा सूडान के बंदरगाह पर पहुंचा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 23, 2023 08:06 PM2023-04-23T20:06:40+5:302023-04-23T20:08:22+5:30
सूडान की राजधानी खार्तूम और अन्य इलाकों में सेना तथा अर्द्धसैनिक बल के बीच संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं। र्तमान में 4,000 से अधिक भारतीय संकटग्रस्त राष्ट्र में फंसे हुए हैं। भारतीयों को निकालने की तैयारी में वायुसेना और नौसेना दोनों जुट गई हैं।
नई दिल्ली: युद्धग्रस्त सूडान से भारतीयों को निकालने की तैयारी में वायुसेना और नौसेना दोनों जुट गई हैं। विदेश मंत्रालय ने रविवार को भारतीयों को संघर्ष-ग्रस्त सूडान से निकालने की तैयारी का विवरण देते हुए कहा है कि भारतीय वायु सेना के दो C-130J विमान वर्तमान में सऊदी अरब के जेद्दा में स्टैंडबाय पर हैं और INS सुमेधा, सूडान के बंदरगाह पर पहुंच गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। हम सूडान में जटिल सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हम उन भारतीयों के सुरक्षित आवागमन के लिए विभिन्न भागीदारों के साथ भी निकटता से समन्वय कर रहे हैं जो सूडान में फंसे हुए हैं और उन्हें निकालना चाहते हैं।"
Situation in Sudan
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 23, 2023
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विदेश मंत्रालय ने बताया कि वह सूडान में भारतीय दूतावास के अलावा सूडानी अधिकारियों, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ नियमित संपर्क में हैं। सऊदी अरब ने शनिवार को पहले अभियान में सूडान से करीब 150 लोगों को निकाला। इसमें लगभग 91 सऊदी नागरिक थे और 66 विदेशी थे जिनमें कुछ भारतीय भी शामिल थे। सऊदी के नौसैनिक जहाज के जरिए लोगों को निकाला गया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूडान संकट के बाद एक बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें भारतीयों को निकालने की चर्चा की गई। वर्तमान में 4,000 से अधिक भारतीय संकटग्रस्त राष्ट्र में फंसे हुए हैं। बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर, सचिव सीपीवी औसाफ सईद और क्षेत्र (खाड़ी देशों) के महत्वपूर्ण राजदूतों ने भाग लिया जो भारतीयों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
सूडान की राजधानी खार्तूम और अन्य इलाकों में सेना तथा अर्द्धसैनिक बल के बीच संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं। सेना और उसके पूर्व साझेदार तथा अब प्रतिद्वंद्वी रैपिड सपोर्ट फोर्स समूह (आरएसएफ) के बीच महीनों के तनाव के बाद संघर्ष हुआ है। इस संघर्ष से लोकतंत्र बहाल करने की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है।