ब्रिटिश सैनिक वापस वतन पहुंचे, अफगानिस्तान में ब्रिटेन का 20 साल लंबा सैन्य अभियान खत्म

By भाषा | Updated: August 29, 2021 17:36 IST2021-08-29T17:36:14+5:302021-08-29T17:36:14+5:30

British soldiers return home, Britain's 20-year-long military campaign in Afghanistan ends | ब्रिटिश सैनिक वापस वतन पहुंचे, अफगानिस्तान में ब्रिटेन का 20 साल लंबा सैन्य अभियान खत्म

ब्रिटिश सैनिक वापस वतन पहुंचे, अफगानिस्तान में ब्रिटेन का 20 साल लंबा सैन्य अभियान खत्म

ब्रिटेन के शेष सैनिक काबुल से वापस अपने देश पहुंचने लगे हैं और इसके साथ ही ब्रिटेन का अफगानिस्तान में 20 साल लंबा सैन्य अभियान खत्म हो गया जहां तालिबान ने कब्जा कर लिया है। तालिबान ने कई प्रमुख शहरों पर कब्जा करने के बाद 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था। यह अमेरिका के देश से जाने की समयसीमा से दो हफ्ते पहले हुआ था। शनिवार रात को रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) का एक विमान काबुल से रवाना हुआ और ऑक्सफोर्डशायर में आरएएफ ब्रीज नॉर्टन पहुंचा। विमान में अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत सर लॉरी ब्रिस्टो भी सवार थे जो लोगों को निकालने की प्रक्रिया में मदद कर रहे थे। लोगों को निकालने वाले अभियान ‘ऑपरेशन पिटिंग’ को चलाने वाले वाइस एडमिरल सर बेन की ने कहा, “एक दुख की भावना थी कि हमने वह सब नहीं किया जो हम चाहते थे।’’प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार सुबह ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर कहा कि ‘ऑपरेशन पिटिंग’ का खत्म होना एक ऐसे मिशन का समापन है जो ‘हमने जो कुछ भी अपने जीवन में देखा है, उसके विपरीत है।” उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटिश सैनिकों और अधिकारियों ने दुखद परिस्थितियों में चौबीसों घंटे काम किया।जॉनसन ने कहा कि उन्होंने यह सोचकर धैर्य दिखाया है कि उन्हें अपनी जिंदगियों पर खतरा देख रहे लोगों की मदद करनी है।प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने लोगों की कतारों और “अपने अमेरिकी दोस्तों’ पर आतंकी हमले को देखा है। सशस्त्र बल समुदाय को लिखे पत्र में जॉनसन ने माना कि काबुल को तालिबान के कब्जे में जाते देखना उन लोगों के लिए मुश्किल रहा होगा, खासकर जंग के दौरान जान कुर्बान करने वाले 457 सैनिकों के दोस्तों और प्रियजनों के लिए मुश्किल समय रहा होगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के अफगानिस्तान जाने से अल कायदा दो दशक तक उनके देश से दूरा रहा और “नतीजतन हम सब सुरक्षित हैं।” जॉनसन ने कहा, “ अमेरिका, यूरोप और दुनिया भर में हमारे सहयोगियों के साथ हम तालिबान के साथ इस आधार पर बात नहीं करेंगे कि वे क्या कहते हैं, बल्कि इस आधार पर वार्ता करेंगे कि वे क्या करते हैं।”प्रधानमंत्री ने पहले के बयान के दोहराते हुए कहा कि अगर तालिबान राजयनिक मान्यता चाहता है या उन अरबों रुपयों को चाहता है जिन्हें फिलहाल जब्त कर लिया गया है, तो उन्हें उन लोगों को सुरक्षित मार्ग देना होगा जो देश छोड़ना चाहते हैं, महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का सम्मान करना होगा और अफगानिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बनने से रोकना होगा। विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने ‘द संडे टेलीग्राफ’ में लिखे एक लेख में कहा कि ब्रिटेन तालिबान के खिलाफ लगी पाबंदियों पर विचार करने को तैयार है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे मुख्य मुद्दों पर क्या निर्णय लेते हैं जिनमें देश छोड़ने की चाह रखने वाले लोगों को सुरक्षा मार्ग प्रदान करना शामिल है। ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा और राजनीति की स्थिति के ठीक होने पर वह काबुल में राजनयिक उपस्थिति को फिर से स्थापित करने का इरादा रखती है। डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा है कि अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों में करीब 2200 बच्चे शामिल हैं। ब्रिटेन के करीब पांच हजार नागरिकों और उनके परिवारों को हवाई मार्ग से अफगानिस्तान से निकाला गया है। इसी के साथ ब्रिटेन के पूर्व कर्मचारियों, उनके परिवारों और ऐसे लोगों को भी निकाला गया है जिनको तालिबान से खतरा था। इनकी संख्या आठ हजार से ज्यादा है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा है कि अफगानिस्तान के 800 से 1100 के बीच ऐसे नागिरक हैं जिन्हें वहां से निकाला नहीं जा सका है।

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Web Title: British soldiers return home, Britain's 20-year-long military campaign in Afghanistan ends

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