लाहौर, छह दिसंबर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए श्रीलंकाई नागरिक का शव सोमवार को विमान से कोलंबो भेज दिया गया। हमला करने वाले लोगों ने इस व्यक्ति की हत्या के बाद उसके शव को आग लगा दी थी।
लकड़ी के जिस ताबूत में शव रखा गया, उस पर लिखा था, ‘‘दिवंगत डोन नंदश्री पी कुमारा दियावदनागे के मानव अवशेष। लाहौर से कोलंबो तक।’’
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने पिछले शुक्रवार को लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया और उसके महाप्रबंधक दियावदनागे की हत्या कर दी तथा उनके शव को आग लगा दी।
पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘श्रीलंका उच्चायोग के अधिकारी सोमवार सुबह यहां पहुंचे और पंजाब के अल्पसंख्यक मंत्री एजाज आलम ने लाहौर हवाई अड्डे पर शव उन्हें सौंप दिया। शव को श्रीलंकन एअरलाइंस के विमान में ले जाया गया।’’
उन्होंने बताया कि विमान दोपहर बाद कोलंबो के लिए रवाना हो गया।
इस बीच, पंजाब पुलिस ने 49 वर्षीय दियावदनागे की हत्या करने में कथित रूप से शामिल सात और प्रमुख संदिग्धों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
पंजाब पुलिस ने आज एक ट्वीट में कहा, ‘‘26 प्रमुख संदिग्धों सहित कुल 131 संदिग्धों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। 26 प्रमुख संदिग्धों ने लोगों को भड़काने, कुमारा की पीट-पीटकर हत्या करने और उसके शरीर को आग लगाने में अहम भूमिका निभाई है।’’
पंद्रह प्रमुख संदिग्धों को सोमवार को गुजरांवाला स्थित आतंकवाद रोधी अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 15 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस के मुताबिक, दियावदनागे की बेरहमी से हत्या करने के बाद भीड़ कारखाने के मालिक को भी मारना चाहती थी और इमारत में आग लगाना चाहती थी।
सियालकोट के जिला पुलिस अधिकारी उमर सईद ने कहा, ‘‘भीड़ कुमारा की हत्या के बाद पूरी फैक्टरी में आग लगाना चाहती थी। आरोपी श्रमिकों का एक समूह फैक्टरी के मालिक को मारने के लिए उसके आवास की ओर गया, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर आगे की हिंसा को रोक दिया।
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