लंदन, नौ मार्च (एपी) ब्रिटेन के शाही परिवार की छोटी बहु, डचेज ऑफ ससेक्स मेगन मर्केल द्वारा महल के भीतर और ब्रिटिश प्रेस पर नस्लवाद का आरोप लगाए जाने पर इंग्लैंड में रहने वाले काफी अश्वेतों को कोई आश्चर्य नहीं हुआ है।
फिर चाहे वह कोविड-19 के अश्वेतों पर प्रभाव से निपटने की बात हो या फिर मीडिया और राजनीति में शीर्ष पर अश्वेतों की कमी, ब्रिटेन में रहने वाले अश्वेतों का कहना है कि नस्लवादी रवैया और भेदभाव समाज में गहरी जड़ें जमाए हुए है, लेकिन अकसर समाज इस तथ्य को स्वीकार करने से मना कर देता है।
‘ब्लैक एंड ब्रिटिश : ए फॉरगॉटन हिस्ट्री’ नामक टीवी सीरीज के प्रस्तोता इतिहासकार डेविड ओलेसोगा ने कहा, ‘‘यह ऐसा देश है जो नस्लों के बारे में ईमानदारी से बात नहीं करना चाहता।’’
ओपरा विन्फ्रे के साथ टीवी पर साक्षात्कार में मेगन ने कहा कि प्रिंस हैरी के साथ शादी के बाद उन्हें अलग-थलग कर दिए जाने और शाही परिवार का साथ नहीं मिलने के कारण उनके मन में आत्महत्या के ख्याल आने लगे थे।
उन्होंने कहा कि शाही परिवार के एक अनाम सदस्य ने उनके पति प्रिंस हैरी से उनके होने वाले बच्चे के रंग (गोरे-सांवले) को लेकर ‘चिंता’ जतायी थी।
कम्युनिकेशन कंसल्टेंट और पत्रकार टिवा एडेबायो का कहना है कि साक्षात्कार में शाही जोड़े ने जो खुलासे किए, उससे उनके सभी डरावने सपने सही नजर आने लगे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेगन जब शाही परिवार का हिस्सा बनीं तो, ब्रिटेन का प्रत्येक अश्वेत व्यक्ति चिंतित था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह संस्था का रूप ले चुकी है और उपनिवेशवाद में इसकी जड़ें गहरी पैठी हुई हैं। यह श्वेत नस्ल की श्रेष्ठता पर आधारित है।
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