लाइव न्यूज़ :

बिग बैंग : हम इसे कैसे 'सुनने' की कोशिश कर रहे हैं, खुल सकता है एक नयी भौतिकी का रहस्य

By भाषा | Updated: July 19, 2021 15:51 IST

Open in App

फ्रांसेस्को मुइया, पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता, सैद्धांतिक भौतिकी और ब्रह्मांड विज्ञान, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय,

कैम्ब्रिज 19 जुलाई (द कन्वरसेशन) ब्रह्मांड की शुरूआत में 14 अरब साल पहले दरअसल क्या हुआ था, यह भौतिकी के सबसे महान रहस्यों में से एक है - इसकी जांच करने का कोई आसान तरीका नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि, अपने शुरुआती चरणों में, ब्रह्मांड एक घने प्लाज्मा से भरा हुआ था - यह आवेशित कणों से बनी एक ऐसी गैस थी, जिसमें इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉन (कण जिनमें न्यूट्रॉन के साथ परमाणु नाभिक शामिल होते हैं)शामिल थे। फोटॉन (प्रकाश के कण) इस मिश्रण में फंसे हुए थे और अन्य कणों से टकराते रहते थे, क्योंकि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था।

जैसे-जैसे ब्रह्मांड का विस्तार हुआ और घनत्व काफी कम होता गया, तो अंतत: फोटॉन को बाहर निकलने का रास्ता मिला और प्रकाश स्वतंत्र रूप से यात्रा करने लगा। बिग बैंग के तीन लाख 80 हजार साल के बाद हुई इस घटना, जिसे ‘‘पुनर्संयोजन’’ कहा जाता है, ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के पहले स्नैपशॉट को जन्म दिया - कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड - जिसे हम दूरबीनों से देखते हैं। प्रारंभिक ब्रह्मांड के बारे में हम जो कुछ भी जानते हैं, वह बिग बैंग से बचे हुए विकिरण पर आधारित है। लेकिन पुनर्संयोजन एक दीवार की तरह काम करता है: हम दूरबीन के साथ सीधे पहले के युगों की जांच नहीं कर सकते, क्योंकि उस समय प्रकाश फंसा हुआ था।

अब कई परियोजनाएं गुरुत्वाकर्षण तरंगों, जो अंतरिक्ष के ताने बाने में बुनी हुई हैं, का उपयोग करके बिग बैंग को सुनने की कोशिश कर रही हैं - हमारी नई परियोजना, अल्ट्रा-हाई फ़्रीक्वेंसी पर ऐसी तरंगों का पता लगाने का लक्ष्य रखेगी, और इससे बिल्कुल नई भौतिकी की खोज हो सकती है।

लिगो/वरगो प्रयोगों द्वारा हाल ही में गुरुत्वाकर्षण तरंगों, की खोज ने ब्रह्मांड पर अवलोकन की एक नई खिड़की खोल दी है। वे हमें उन घटनाओं की जांच करने में सक्षम बनाते हैं जिनमें प्रकाश के बजाय गुरुत्वाकर्षण संदेशवाहक है। अब तक खोजी गई गुरुत्वाकर्षण तरंगों को खगोलभौतिकीय गुरुत्वाकर्षण तरंगें कहा जाता है - वे अपेक्षाकृत हाल की भौतिक प्रक्रियाओं, जैसे ब्लैक होल के विलय से निर्मित होती हैं।

प्रारंभिक ब्रह्मांड में उत्पन्न होने वाली तरंगों के प्रकार को ब्रह्माण्ड संबंधी गुरुत्वाकर्षण तरंगें कहा जाता है और अभी तक इसका पता नहीं चला है। ऐसी तरंगें उत्पन्न होने के बाद स्वतंत्र रूप से यात्रा करती हैं; वे पुनर्संयोजन दीवार के आरपार जा सकते हैं और प्रारंभिक ब्रह्मांड की जांच के लिए एक अनूठा उपकरण प्रदान कर सकते हैं। जबकि खगोलभौतिकीय गुरुत्वाकर्षण तरंगें आकाश में एक सटीक दिशा से आती हैं, ब्रह्माण्ड संबंधी तरंगें सभी संभावित दिशाओं से हम तक पहुँचती हैं, विभिन्न क्षेत्रों के अनुरूप जहाँ वे अतीत में उत्पन्न हुई थीं। इससे उनका पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

अभी तक अनदेखे कणों जैसे अक्षतंतु (जो डार्क मैटर बना सकते हैं) से जुड़ी प्रक्रियाएं भी तरंगों का उत्पादन कर सकती थीं। इसलिए यदि ब्रह्मांड संबंधी गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाया जाता है, तो वे हमें इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकती हैं कि समय की शुरुआत में क्या हुआ था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND Vs SA 2nd T20I: सूर्यकुमार यादव ने दूसरे T20I में हार के बाद खुद पर और शुभमन गिल पर दोष मढ़ा, बोले, 'अभिषेक हमेशा ऐसा नहीं चल सकते'

क्रिकेटIND Vs SA 2nd T20I: मुल्लांपुर में भारत की हार, साउथ अफ्रीका ने 51 रन से जीत के साथ सीरीज 1-1 से बराबर की

क्रिकेटIND vs SA 2nd T20 Highlights: 51 रनों से जीती साउथ अफ्रीका, 162 पर ऑलआउट टीम इंडिया

क्रिकेटIND vs SA 2nd T20: 7 छक्के 5 चौके, क्विंटन डी कॉक के तूफान में उड़े भारतीय गेंदबाज, 90 रनों की शानदार पारी

क्रिकेटIndia vs South Africa 2nd T20I: 48 गेंद, 0 विकेट और 99 रन, जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह पर बरसे अफ्रीकी बल्लेबाज

विश्व अधिक खबरें

विश्वअगर ट्रंप अपनी नीति में बदलाव नहीं करते, तो भारत को खो देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बनेंगे?, सांसद सिंडी कमलागर डोव ने कहा- सबसे बेहतर दोस्त...

विश्वडोनाल्ड ट्रंप ने लॉन्च किया 'गोल्ड कार्ड' वीजा प्रोग्राम, अमेरिकी नागरिकता पाने के लिए देने होंगे 10 लाख; जानें क्या है ये

विश्वसोशल मीडिया बैन, 16 साल से बच्चों पर लागू, फेसबुक, इंस्टाग्राम, किक, रेडिट, स्नैपचैट, थ्रेड्स, टिकटॉक, एक्स, यूट्यूब और ट्विच जल्दी हटाएं नहीं तो 3.29 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुर्माना

विश्वInternational Human Rights Day 2025: 10 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस? जानें क्या है महत्व

विश्वट्रम्प की इससे ज्यादा बेइज्जती और क्या हो सकती है ?