Beirut explosion: हम वास्तव में आपदा का सामना कर रहे हैं, हमें मदद चाहिए, लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब ने की अपील

By भाषा | Updated: August 5, 2020 17:44 IST2020-08-05T16:39:26+5:302020-08-05T17:44:50+5:30

‘‘हम वास्तव में आपदा का सामना कर रहे हैं।’’ दियाब ने अपने वादे को दोहराया कि जो भी बेरूत के बंदरगाह पर भारी धमाके के लिए जिम्मेदार होगा, उसको इसकी कीमत चुकानी होगी। हालांकि, उन्होंने इसके पीछे के कारणों पर टिप्पणी नहीं की।

Beirut explosion We are really facing disaster we need help Lebanese Prime Minister Hassan Diab appeals | Beirut explosion: हम वास्तव में आपदा का सामना कर रहे हैं, हमें मदद चाहिए, लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब ने की अपील

रूस के आपात राहत अधिकारियों ने बताया कि उनका देश राहत सामग्रियों के साथ पांच विमान बेरूत भेजेगा। (file photo)

Highlightsदियाब का भाषण बेरूत में हुए विस्फोट के बाद आया है, जिसमें कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है जबकि हजारों अन्य लोग घायल हुए हैं। बुधवार सुबह तक बंदरगाह के धुआं उठा रहा था और शहर की प्रमुख सड़कें विस्फोट की वजह से मलबे और क्षतिग्रस्त वाहनों से भरी हैं।जॉर्ज केट्टनेह ने बताया कि कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है जबकि 5,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं एवं मरने वालों की तादाद और बढ़ सकती है।

बेरूतः लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब ने बेरूत में धमाके के बाद टेलीविजन पर दिए एक संक्षिप्त भाषण में सभी देशों और लेबनान के मित्रों से मदद की अपील की।

उन्होंने कहा कि ‘‘हम वास्तव में आपदा का सामना कर रहे हैं।’’ दियाब ने अपने वादे को दोहराया कि जो भी बेरूत के बंदरगाह पर भारी धमाके के लिए जिम्मेदार होगा, उसको इसकी कीमत चुकानी होगी। हालांकि, उन्होंने इसके पीछे के कारणों पर टिप्पणी नहीं की।

दियाब का भाषण बेरूत में हुए विस्फोट के बाद आया है, जिसमें कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है जबकि हजारों अन्य लोग घायल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि बुधवार सुबह तक बंदरगाह के धुआं उठा रहा था और शहर की प्रमुख सड़कें विस्फोट की वजह से मलबे और क्षतिग्रस्त वाहनों से भरी हैं।

इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ है। लेबनानी रेडक्रॉस अधिकारी जॉर्ज केट्टनेह ने बताया कि कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है जबकि 5,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं एवं मरने वालों की तादाद और बढ़ सकती है।

बेरूत धमाका संभवत: पटाखों और अमोनियम नाइट्रेट से हुआ और विनाशक

विशेषज्ञों और धमाके के वीडियों से संकेत मिलता है कि लेबनान की राजधानी बेरूत में हुआ धमाका पटाखों और अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल से और भीषण हुआ। इस धमाके के कारण हुए नुकसान से संकेत मिलता है कि इसमें उन रसायनों का इस्तेमाल किया गया जो आमतौर पर उर्वरक में किया जाता है।

इस आपदा की शुरुआत के जो वीडियो मिले हैं उसमें दिख रहा है कि भारी धमाके से कुछ देर पहले तक लपटों से निकल रहे धुंए के भीतर चिंगारी और रोशनी दिख रही है। इजराइली कंपनी तमार समूह के मालिक बोयज हेओउन ने कहा, इससे संकेत मिलता है कि पटाखे की वजह से धमाका हुआ।

उल्लेखनीय है कि तमार समूह विस्फोटक की सुरक्षा और प्रमाणन में इजराइली सरकार के साथ काम करता है। उन्होंने कहा, ‘‘ धमाके से पहले आप आग के केंद्र में देखिए, आप चिंगारी देख सकते हैं, आप पॉपकार्न बनाते समय जैसी आवाज निकलती हुई सुन सकते हैं, आप सीटी की आवाज सुन सकते हैं।’’ कैलिफोर्निया के मोंटरेरी स्थित मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के मिसाइल विशेषज्ञ जेफरी लिविस का भी इसी तरह का आकलन है।

पटाखों के फूटने का गुन है, दृश्य, आवाज और छोटी से आग से विशाल धमाका

उन्होंने कहा, ‘‘ यह पटाखों के फूटने का गुन है, दृश्य, आवाज और छोटी से आग से विशाल धमाका। यह हादसा जैसा लगता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले, धमाके से पहले आग दिखाई देती है, जो हमला नहीं है और कुछ वीडियो युद्ध सामग्री दिखा रहे है जिन्हें मैं पॉपकॉर्न फूटने जैसा कहूंगा। यह आग से विस्फोट करने के दौरान बहुत सामान्य है।’’ लिविस ने कहा, धमाके के बाद सफेद बादलों का संघनन लगता है जो आर्द्र परिस्थिति में धमाके बाद बहुत सामान्य है।

उन्होंने कहा कि विस्फोट के बाद नांरगी रंग के बादल संभवत जहरीली नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड गैस है जो विस्फोट में मौजूद नाइट्रेट की वजह से निकली। विशेषज्ञ धमाका कितना शक्तिशाली है इसका आकलन विस्फोट स्थल के पास बनने वाले गड्ढे के आधार पर करते हैं और बुधवार सुबह विमान के जरिये ली गई तस्वीर में विशाल गड्ढा दिख रहा है।

टेक्सास की निजी खुफिया कंपनी स्ट्राटफोर के हथियार विशेषज्ञ और विश्लेषक सिम टैक ने कहा, गड्ढे और विस्फोट स्थल से कई किलोमीटर दूर खिड़कियों के टूटने के आधार पर कहा जा सकता है कि बेरूत धमाके की तीव्रता 2.2 किलोटन टीएनटी विस्फोट के बराबर थी।

रूस पांच विमान राहत सामग्री बेरूत भेजेगा

रूस के आपात राहत अधिकारियों ने बताया कि उनका देश राहत सामग्रियों के साथ पांच विमान बेरूत भेजेगा जहां मंगलवार को धमाके में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और हजारों लोग घायल हुए हैं। रूस के आपात स्थिति मामलों का मंत्रालय बचावकर्मी, चिकित्सा कार्यकर्ता और अस्थायी अस्पताल के साथ कोविड-19 जांच के लिए प्रयोगशाला भी लेबनान भेजेगा।

फ्रांस, जॉर्डन और अन्य देशों ने भी कहा कि वे भी मदद भेज रहे हैं। बेरूत के बंदरगाह में मंगलवार को हुए जबरदस्त विस्फोट के एक दिन बाद आपात कार्यकर्ता और चिकित्सा कर्मी के रूप में अंतरराष्ट्रीय मदद लेबनान भेजी जा रही हैं। इस धमाके में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं।

फ्रांस ने कहा कि वह दर्जनों आपात सेवा कर्मी, मोबाइल चिकित्सा इकाई और 15 टन राहत सामग्री के साथ दो विमानों को भेज रहा है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैन्युअल मैक्रों के कार्यालय ने बताया कि इस राहत सामग्री से 500 घायलों का इलाज किया जा सकेगा। मैक्रों के कार्यालय ने बताया कि लेबनान में मौजूद फ्रांसीसी शांति रक्षक धमाके के बाद से लेबनानियों की मदद कर रहे हैं।

जॉर्डन ने कहा कि वह सैन्य फील्ड अस्पताल और आवश्यक सामग्री भेज रहा है। मिस्र ने घायलों के इलाज के लिए बेरूत में फील्ड अस्पताल खोला है। चेक गणराज्य के गृहमंत्री जेन हमासेक ने कहा कि लेबनान ने बेरूत भेजे गए 37 बचावकर्मियों और खोजी कुत्तों के दल की मदद स्वीकार कर ली है। डेनमार्क ने कहा कि वह मानवीय आधार पर लेबनान को मदद देने को तैयार है। यूनान ने कहा कि वह लेबनानी प्रशासन की हर तरह की मदद को तैयार है।

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