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अप्रैल फूल डे मनाने के पीछे हैं कई कहानियां, आप भी जानें कब हुई इसकी शुरुआत

By गुलनीत कौर | Updated: April 1, 2018 11:46 IST

एक कहानी के अनुसार नॉटिंघमशायर के गौथम शहर के नाम पर अप्रैल फूल डे का सेलिब्रेशन हुआ था।

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साल के चौथे महीने अप्रैल के पहले दिन को विश्व भर में 'अप्रैल फूल डे' यानी मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसदिन लोग दूसरों को मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बात का ख्याल रखा जाता है कि एक मजाक के कारण सामने वाले का दिल ना दुखे। लेकिन यह अप्रैल फूड डे क्यों मनाया जाता है और पहली बार इसे कब, कहां और किस कारण से मनाया गया आइए जानते हैं इतिहास के पन्नों में दर्ज कुछ तथ्यों के बारे में। 

अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है इसके संबंध में एक नहीं, बल्कि कई सारी कहानियां जुड़ी हैं। तमाम इतिहासकार भी अप्रैल फूल डे मनाने के पीछे के असली कारण को खोज नहीं पाए हैं। इसका आरम्भ कब और कहां से हुआ इसकी खोज की जाए तो कई सारी किस्से-कहानियां निकलकर आती हैं। 

ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत

अप्रैल फूल डे के संदर्भ में सबसे पहली और प्रसिद्ध कहानी ग्रेगोरियन कैलेंडर यानी अंग्रेजी कैलेंडर से जुड़ी है जिसके अनुसार पहले जूलियन कैलेंडर की बजाय ग्रेगोरियन कैलेंडर का इस्तेमाल किए जाने के पीछे अप्रैल फूल डे मनाया जाने लगा। दरअसल पहले लोग जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल करते थे जिसके मुताबिक मार्च महीने का आखिरी दिन वर्ष का अंतिम दिन होता था और 1 अप्रैल को वर्ष का पहला दिन माना जाता था। इसिदं लोग नववर्ष का सेलिब्रेशन भी करते थे। लेकिन फ्रांसीसियों द्वारा ग्रेगोरियन कैलेंडर लाने के बाद 1 जनवरी को नववर्ष मनाया जाने लगे। किन्तु इसके बावजूद यूरोप के निवासी जूलियन कैलेंडर  को ही माननी की जिद पर थे। ये लोग 1 अप्रैल को ही नए साल का पहला दिन मान रहे थे जिसके चलते इन्हें 'मूर्ख लोग' कहा जाने लगा। इसे के बाद से 1 अप्रैल को मूर्खों का दिन मानते हुए 'अप्रैल फूल डे' घोषित कर दिया गया। 

फ़्रान्सीसी क्रान्ति

फ्रेंच रेवोलुशन यानी फ़्रान्सीसी क्रान्ति का आरम्भ भी 1 अप्रैल का माना जाता है। कहते हैं कि इस तारीख पर इसकी शुरुआत होने के कारण किंग जॉर्ज तृतीय ने फ्रांसीसियों का मजाक बनाया था। इस वाक्या को भी अप्रैल फूल डे से जोड़ा जाता है। 

छोटे-छोटे किस्से

एक अन्य किस्से के अनुसार अप्रैल फूल डे मनाने के पीछे का कारण बदलता मौसम और जलवायु भी है। इसे 'रिन्यूअल फेस्टिवल' के रूप में मनाया जाता था। सर्दियां खत्म होने उर बसंत ऋतु आरंभ होने के दिन को अप्रैल फूल डे से जोड़ा गया था। एक और कहानी के अनुसार नॉटिंघमशायर के गौथम शहर के नाम पर अप्रैल फूल डे का सेलिब्रेशन हुआ था। इसके अलावा अप्रैल फूल डे को रोम की मिथकीय कहानियों से भी जोड़ा जाता है। 

खैर किस्से और कहानियां कई सारी हैं लेकिन इनमें से कौन सी सबसे सही है इस बात का पता नहीं चल पाया है। लेकिन शुरुआत जब भी हुई हो, वास्तव में दुनिया भर के लोग अप्रैल फूल डे मना रहे हैं, अलग-अलग तरीके से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को अपने जोक्स और प्रैंक्स के माध्यम से मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह मजाक भी केवल हंसी लाने के लिए किया जाता है। अप्रैल फूल डे के पीछे का मकसद केवल इतना है कि मूर्ख बनाओ लेकिन इससे किसी का दिल नहीं दुखना चाहिए। 

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