पड़ोसियों पर लगातार ‘धौंस जमाने’ वाले चीन के रवैये से अमेरिका चिंतित : व्हाइट हाउस

By भाषा | Updated: February 2, 2021 19:42 IST2021-02-02T19:42:08+5:302021-02-02T19:42:08+5:30

America worried about China's persistent 'bullying' attitude on neighbors: White House | पड़ोसियों पर लगातार ‘धौंस जमाने’ वाले चीन के रवैये से अमेरिका चिंतित : व्हाइट हाउस

पड़ोसियों पर लगातार ‘धौंस जमाने’ वाले चीन के रवैये से अमेरिका चिंतित : व्हाइट हाउस

(ललित के झा)

(चौथे और छठे पैरा में बदलाव के साथ)

वाशिंगटन, दो फरवरी भारत-चीन सीमा गतिरोध पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने पड़ोसी देशों पर ‘‘धौंस जमाने’’ के चीन के लगातार जारी प्रयासों पर चिंता जताते हुए कहा है कि वह स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।

नए बाइडन प्रशासन में एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अमेरिका सामरिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ खड़ा रहेगा।

व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की प्रवक्ता एमिली जे होर्न ने कहा, ‘‘हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं। भारत तथा चीन की सरकारों के बीच चल रही वार्ता की हमें जानकारी है और हम सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सीधी वार्ता का समर्थन करना जारी रखेंगे।’’

वह भारतीय भू-भाग में घुसपैठ करने की कोशिश और उस पर कब्जा करने की चीन की हालिया कोशिशों के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रही थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन द्वारा पड़ोसी देशों को डराने-धमकाने के निरंतर प्रयासों को लेकर अमेरिका चिंतित है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा समृद्धि बढ़ाने एवं सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हम अपने मित्रों, साझेदारों और सहयोगियों के साथ खड़े रहेंगे।’’

भारत-चीन के बीच सीमा पर हुई झड़पों के संबंध में यह बाइडन प्रशासन की पहली प्रतिक्रिया है। जो बाइडन ने 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण किया था।

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले साल पांच मई से सैन्य गतिरोध बना हुआ है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य एवं राजनयिक स्तर पर कई दौर की वार्ता हुई है। लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

चीन का दक्षिण एवं पूर्वी चीन सागर में कई अन्य देशों के साथ जलक्षेत्र को लेकर भी विवाद चल रहा है। चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपने कृत्रिम द्वीप पर सैन्य क्षमता बढ़ा ली है।

चीन समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना अधिकार जताता है। लेकिन वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र पर अपना-अपना दावा करते हैं। वहीं, पूर्वी चीन सागर में चीन का जापान के साथ विवाद चल रहा है।

दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संपदा की प्रचुरता है। यह क्षेत्र वैश्विक कारोबार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। हालांकि अमेरिका इन विवादित जलक्षेत्रों पर कोई दावा पेश नहीं कर रहा है, लेकिन उसने दक्षिण चीन सागर में मुक्त नौवहन तथा विमानों से गश्त की छूट के लिए अपने जंगी जहाजों तथा लड़ाकू विमानों की तैनाती कर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन के दावों को चुनौती दी है।

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले हफ्ते संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘देश के हितों की रक्षा के लिए सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है और सतर्क भी है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती भी की गई है। सरकार देश की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है।

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Web Title: America worried about China's persistent 'bullying' attitude on neighbors: White House

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