चीन के साथ खुलकर बातचीत करना चाहता है अमेरिका

By भाषा | Updated: March 19, 2021 13:35 IST2021-03-19T13:35:04+5:302021-03-19T13:35:04+5:30

America wants to have an open dialogue with China | चीन के साथ खुलकर बातचीत करना चाहता है अमेरिका

चीन के साथ खुलकर बातचीत करना चाहता है अमेरिका

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 19 मार्च अमेरिका चाहता है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन में चीन के साथ पहली आमने-सामने की मुलाकात में बातचीत खुलकर हो और उसकी योजना हांगकांग में बीजिंग के गैर लोकतांत्रिक कदमों, उसके मानवाधिकार उल्लंघन तथा क्षेत्र में सैन्य तनाव जैसे मुश्किल मुद्दों पर बात करने की है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी है।

अमेरिका और चीन के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक सैन्य कदमों और हांगकांग तथा शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों समेत कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन ने अलास्का के एंकरेज में चीन के अपने समकक्षों वांग यी और यांग जिएची से मुलाकात की।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि इस बैठक में निश्चित रूप से मुश्किल मुद्दों पर बातचीत होगी। हम चाहते हैं कि खुलकर बात की जाए। उनकी योजना मानवाधिकारों, हांगकांग समेत विभिन्न मुद्दों पर बात करने की है। जाहिर तौर पर हमने पिछले कुछ दिनों में हांगकांग में गैर लोकतांत्रिक कदमों से संबंधित कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। चाहे वे आईपी या डेटा संरक्षण से जुड़ा हो या सैन्य तनाव से।’’

अमेरिका ने हांगकांग में लोकतांत्रिक संस्थाओं को चीन द्वारा लगातार निशाना बनाए जाने की निंदा की है।

अलास्का से लौटने के बाद ब्लिंकन और सुलीवन बाइडन को बातचीत की जानकारी देंगे जिसके बाद राष्ट्रपति अपनी चीन नीति की रूपरेखा तय कर सकते हैं।

रिपब्लिकन सीनेटर और जापान में अमेरिका के पूर्व राजदूत बिल हैगर्टी ने एक बयान में बाइडन प्रशासन से दुर्भावनापूर्ण एवं हिंसक बर्ताव के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह नजरअंदाज नहीं कर सकते कि चीन शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों का जनसंहार कर रहा है, अमेरिका तथा दुनियाभर में बौद्धिक संपदा को चुराने के लिए अवैध हथकंड़े अपना रहा है, अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन कर हांगकांग की स्वायत्तता को खत्म कर रहा है, महामारी की जांच को रोक रहा है, लोकतांत्रिक ताइवान को धमका रहा है, दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण कर रहा है और साथ ही अमेरिका के सहयोगियों को आर्थिक रूप से मजबूर कर रहा है।’’

गौरतलब है कि भारत, अमेरिका और कई अन्य देश क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य पैंतरेबाजी की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त बनाने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं। चीनी सेना अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र पर भी पैनी नजर रख रही है।

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Web Title: America wants to have an open dialogue with China

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