अमेरिका: ग्रीन कार्ड के नियम से भारतीय परिवारों की उम्मीदों को लगा झटका, बच्चों को सता रही भविष्य की चिंता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 1, 2019 09:01 IST2019-10-01T09:01:56+5:302019-10-01T09:01:56+5:30
इससे पहले अमेरिकी सांसदों ने ग्रीन कार्ड जारी करने पर मौजूदा सात प्रतिशत की सीमा को हटाने के उद्देश्य एक विधेयक पारित किया था।

अमेरिका: ग्रीन कार्ड के नियम से भारतीय परिवारों की उम्मीदों को लगा झटका, बच्चों को सता रही भविष्य की चिंता
अमेरिका में ग्रीन कार्ड के कड़े नियम से भारतीय परिवारों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। उन्हें अपने बच्चों की भविष्य की चिंता सताने लगा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अमेरिकी ससंद ने उन दो बिल को रोक दिया है जिसमें अलग-अलग देशों के लिए जारी किए जाने वाले ग्रीन कार्ड की सीमा हटा दी गई थी।
अमेरिकी ससंद के इस फैसले के बाद अमेरिका में रह रहे भारतीय बच्चों के भविष्य पर खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर उन बच्चों को जो 21 साल के हो गए हैं या होने वाले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बच्चे जब 21 साल के हो जाएंगे तो वे H-4 वीजा के हकदार नहीं रह जाएंगे। बता दें कि अमेरिका में एच-4 वीजा डिपेंडेंट को मिलता है और यह अक्सर एच-1बी वीजाधारकों के बच्चों को दिया जाता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे बच्चों के पास अंतराष्ट्रीय स्टूडेंट्स के लिए जाने वाले एफ-1 वीजा मिलेगा। इसमें या तो वे अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर सकते हैं या उन्हें भारत भेज दिया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक कोई गारंटी नहीं है कि ऐसे बच्चों को एफ-1 वीजा मिल जाए। अमेरिका में 21 साल गुजारने के बाद अगर वो भारत लौटते हैं तो उन्हें नए माहौल में खुद को ढालने में दिक्कत हो सकती है।
इससे पहले अमेरिकी सांसदों ने ग्रीन कार्ड जारी करने पर मौजूदा सात प्रतिशत की सीमा को हटाने के उद्देश्य एक विधेयक पारित किया था। इस विधेयक से भारत के हजारों उच्च कुशल आईटी पेशेवरों को लाभ मिलेगा। ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है।
अमेरिका की प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित यह विधेयक भारत जैसे देशों के उन प्रतिभाशाली पेशेवरों के लिए दुखदायी इंतजार को कम करेगा जो अमेरिका में स्थायी रूप से काम करने और रहने की अनुमति चाहते हैं।