लाइव न्यूज़ :

अमेरिका .चीन को मतभेदों को सुलझाना चाहिए: चीनी प्रधानमंत्री

By भाषा | Updated: March 11, 2021 19:15 IST

Open in App

बीजिंग, 11 मार्च चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने अमेरिका के साथ चीन के बढ़ते मनमुटाव को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि दोनों देशों को मतभेदों को सुलझाना चाहिए।

जनवरी में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रभार संभालने के बाद दोनों देशों के शीर्ष राजनयिक अगले सप्ताह पहली सामरिक वार्ता करेंगे।

चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के छह दिन के सत्र के समापन पर वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ली ने भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड समूह की पहली शिखरवार्ता का उल्लेख नहीं किया और शिनझियांग में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ नरसंहार के अमेरिका के आरोपों पर भी कोई जवाब नहीं दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शुक्रवार को डिजिटल सम्मेलन में भाग लेंगे। यह इस चतुष्कोणीय गठबंधन के शीर्ष नेताओं का पहला सम्मेलन होगा।

चीन का सरकारी मीडिया इस गठबंधन को अक्सर चीन की प्रगति के खिलाफ दर्शाता है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य यांग जियेची और चीन के स्टेट काउंसलर तथा विदेश मंत्री वांग यी 18-19 मार्च को अलास्का में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन तथा अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से रणनीतिक संवाद करेंगे।

बाइडन के पदभार संभालने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहली प्रत्यक्ष वार्ता है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप की चीन के प्रति कठोर नीति रही थी।

ट्रंप के शासनकाल में विश्व की दोनों शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गये थे।

प्रधानमंत्री ली ने डिजिटल पत्रकार वार्ता में कहा कि पिछले 40 साल में चीन-अमेरिका के संबंध कई उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं लेकिन अवरोधों को पार करते हुए आगे भी बढ़ते रहे हैं।

उन्होंने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच पिछले महीने टेलीफोन पर दो घंटे तक हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि दोनों देश राष्ट्रपति शी चिनफिंग और राष्ट्रपति बाइडन के बीच फोन पर हुई बातचीत की भावना के अनुरूप काम करेंगे।’’

चीन के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनका देश ‘ताइवान की आजादी’ के मकसद से संचालित अलगाववादी गतिविधियों का विरोध करता है लेकिन दोनों के बीच संबंधों पर ताइवानी राजनीतिक दलों द्वारा किसी भी संवाद का स्वागत करता है।

चीन, ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और इसे चीन के मुख्य भूभाग के साथ मिलाने का संकल्प लेता है। वह ताइवान के मौजूदा राष्ट्रपति साई इंग-वेन का विरोध करता है जो ताइवान की स्वतंत्रता के हिमायती हैं।

ली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ताइवान को लेकर चीन की मुख्य भूभाग की नीति सतत और स्पष्ट रही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टUP Crime: पत्नी को बिना बुर्का पहने बाहर निकलने पर गोली मारी, 2 नाबालिग बेटियों की भी हत्या की

भारतBMC Elections 2026: उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 2026 के नगर निगम चुनावों के लिए करेंगे संयुक्त रैलियां? संजय राउत ने दी बड़ी अपडेट

भारतBMC Elections 2026: नवाब मलिक के नेतृत्व विवाद को लेकर बीजेपी के गठबंधन से इनकार के बीच एनसीपी अकेले चुनाव लड़ने को तैयार

क्रिकेटIND vs SA, 4th T20I: लखनऊ में अत्यधिक कोहरे के कारण भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथा T20I मैच हुआ रद्द

भारतUP: दो साल में भी योगी सरकार नहीं खोज पायी नया लोकायुक्त, जनवरी 2024 में खत्म हो गया था वर्तमान लोकायुक्त का कार्यकाल

विश्व अधिक खबरें

विश्व1 जनवरी 2026 से लागू, 20 और देशों पर यात्रा प्रतिबंध?, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा, देखिए सूची

विश्वIndia-Israel: विदेश मंत्री जयशंकर की इजरायली पीएम नेतन्याहू से मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा

विश्वविदेशी धरती पर पीएम मोदी को मिला इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान, यह अवार्ड पाने वाले बने विश्व के पहले नेता

विश्वसोशल मीडिया बैन कर देने भर से कैसे बचेगा बचपन ?

विश्वऔकात से ज्यादा उछल रहा बांग्लादेश