भारत-चीन सैन्य वार्ता से पहले अमेरिका ने चीन को लेकर कही ये बड़ी बात
By रुस्तम राणा | Published: January 11, 2022 03:16 PM2022-01-11T15:16:36+5:302022-01-11T15:16:36+5:30
साकी ने कहा, "हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के द्वारा अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के प्रयास से चिंतित हैं।”
वॉशिंगटन: पूर्वी लद्दाख में 21 महीने से अधिक समय से चल रहे गतिरोध का समाधान खोजने के लिए भारत और चीन के बीच 14वें दौर की सैन्य वार्ता 12 जनवरी को होगी। इस वार्ता से एक दिन पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन को लेकर एक बड़ा बयान जारी किया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन अपने पड़ोसी देशों को अपने व्यवहार से डराने का प्रयास करता है।
यूएसए ने मंगलवार को कहा कि वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा था। शक्तिशाली पश्चिमी देश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि चीन अपने व्यवहार अपने पड़ोसियों को डराता है। अमेरिका ने कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ खड़ा रहेगा।
राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रेस सचिव जेन साकी ने भारत के साथ सीमा पर चीन के "आक्रामक व्यवहार" पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, और हम इन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और बातचीत का समर्थन करना चाहते हैं।"
साकी ने कहा, "हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम इस क्षेत्र और दुनिया भर में बीजिंग के व्यवहार को कैसे देखते हैं। हमें विश्वास है कि यह अस्थिर करने वाला हो सकता है और, हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के द्वारा अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के प्रयास से चिंतित हैं।”
वहीं 2022 में भारत के साथ संबंधों के बारे में, साकी ने कहा कि "आप उम्मीद कर सकते हैं कि हमारी सरकारें महामारी से लड़ने के लिए सहयोग करने, जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए कार्रवाई को बढ़ाने, द्विपक्षीय रूप के माध्यम से पहल के व्यापक तरीके से आगे बढ़ेंगी। साकी ने यहां क्वाड के बारे में विस्तार से बातचीत की।
बता दें कि भारत और चीन बुधवार को सुबह चुशुल-मोल्दो सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) बिंदु के चीनी पक्ष पर कोर कमांडर-स्तरीय चर्चा के अगले दौर का आयोजन करने वाले हैं। भारत पूर्वी लद्दाख में विवाद वाले शेष स्थानों पर मुद्दों को हल करने के लिए चीन के साथ ‘सार्थक’ बातचीत की उम्मीद कर रहा है।