अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अफगानों ने प्रदर्शन किया

By भाषा | Updated: August 19, 2021 23:02 IST2021-08-19T23:02:53+5:302021-08-19T23:02:53+5:30

Afghans protest against Taliban in Afghanistan | अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अफगानों ने प्रदर्शन किया

अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अफगानों ने प्रदर्शन किया

काबुल, 19 अगस्त (एपी) अफगानिस्तान में लगातार दूसरे दिन बृहस्पतिवार को छिटपुट स्थानों पर अफगानों ने राष्ट्रध्वज के साथ प्रदर्शन किया तथा शासन संबंधी बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहे तालिबान ने हिंसा से उसे दबाने की कोशिश की। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने आयात पर आश्रित 3.8 करोड़ की जनसंख्या वाले इस देश के सामने खाद्यान्न की भारी कमी होने की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों ने कहा कि देश के सामने नकदी की भी कमी है तथा तालिबान के सामने वही समस्या है जो नागरिक सरकार के सामने थी , क्योंकि जिस स्तर का अंतराष्ट्रीय सहयोग नागरिक सरकार को प्राप्त था, वैसा सहयोग तालिबान को नहीं मिल रहा है। इन चुनौतियों के आलोक में चरमपंथी किसी भी असंतोष को दबाने के लिए अग्रसर हैं जबकि उन्होंने वादा किया है कि अफगानिस्तान पर अपने पिछले शासन की तुलना में वे उदार होंगे। कई लोगों को यह डर सता रहा है कि तालिबान महिलाओं के अधिकारों और मानवाधिकारों के विस्तार के दो दशक के प्रयासों को मटियामेट कर देगा। बृहस्पतिवार को काबुल हवाई अड्डे के समीप लोगों ने कारों में सवार होकर एवं पैदल मार्च निकाला एवं उनके हाथों में अफगान ध्वज के सम्मान में लंबे काले, लाल एवं हरे बैनर थे। यह बैनर अवज्ञा का प्रतीक बनता जा रहा है क्येांकि आतंकवादियों का अपना झंडा है। नांगरहार प्रांत में प्रदर्शन को लेकर एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें नजर आ रहा है कि एक प्रदर्शनकारी को गोली लगी है , उसका खून बह रहा है एवं लोग उसे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। खोस्त प्रांत में तालिबान अधिकारियों ने प्रदर्शन को दबाने के बाद 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया। विदेश से स्थिति की निगरानी कर रहे पत्रकारों से यह जानकारी मिली है। वैसे आतंकवादियों ने प्रदर्शन या कर्फ्यू की बात तत्काल स्वीकार नहीं की है । कुनार प्रांत में भी लोग सड़कों पर उतरे। प्रत्यक्षदर्शियों एवं सोशल मीडिया पर डाले गये वीडियो से इसकी पुष्टि हुई। यह प्रदर्शन ऐसे समय हो रहा है जब अफगान ब्रिटिश शासन के समापन से संबंधित 1919 की संधि को याद करते हुए स्वतंत्रता दिवस अवकाश मना रहे है । उनका यह प्रदर्शन उल्लेखनीय अवज्ञा है। आतंकवादियों ने बुधवार को हिंसक तरीके से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया था। जलालाबाद में प्रदर्शनकारियों ने तालिबान का झंडा हटाकर अफगानिस्तान का तिरंगा लगा दिया। उसी दौरान एक व्यक्ति मारा गया। इस बीच, अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में पहुंचे विपक्षी नेता ‘नदर्न अलायंस’ के बैनर तले सशस्त्र विरोध करने को लेकर चर्चा कर रहे हैं। यह स्थान ‘नदर्न अलाइंस’ लड़ाकों का गढ़ है, जिन्होंने 2001 में तालिबान के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया था। यह एकमात्र प्रांत है जो तालिबान के हाथ नहीं आया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वे तालिबान के लिए कितना गंभीर खतरा पैदा करते हैं क्योंकि महज कुछ ही दिनों में इन लड़ाकों ने अफगान सशस्त्र बलों के नाममात्र विरोध के बीच करीब पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। तालिबान ने अभी तक उस सरकार के लिए कोई योजना पेश नहीं की है, जिसे चलाने की वह इच्छा रखता है। उसने केवल इतना कहा है कि वह शरिया या इस्लामी कानून के आधार पर सरकार चलाएगा। अफगानिस्तान में विश्व खाद्य कार्यक्रम प्रमुख मेरी एलन मैक्ग्रोर्थी ने कहा, ‘‘हमारी आंखों के सामने एक बहुत बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि खाद्यान्न आयात की मुश्किलों के अलावा सूखे से देश की 40 फीसद फसल नष्ट हो गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह वाकई अफगानिस्तान की बहुत बड़ी जरूरत की घड़ी है और हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस वक्त अफगान लोगों के साथ खड़ा होने की अपील करते हैं। ’’ तालिबान द्वारा नृशंस शासन लागू करने को लेकर उत्पन्न अनिश्चितता एवं चिंता के बीच कई अफगान देश से भागने की कोशिश कर रहे हैं। काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सेना की देखरेख में लोगों को निकालने का काम जारी रहा। लेकिन हवाई अड्डे पर पहुंचना मुश्किल बना हुआ है। बृहस्पतिवार को तालिबान लड़ाकों ने हवाई अड्डे की दीवारों के पास भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गोलियां चलायीं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को उस समय तक रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक कि हर अमेरिकी को वहां से बाहर नहीं निकाल लिया जाता, भले ही इसका अर्थ अमेरिकी सैनिकों की वापसी के लिए 31 अगस्त की समय सीमा से आगे भी सैन्य उपस्थिति बनाए रखना हो।बाइडन का कहना है कि तालिबान नहीं बदला है, लेकिन अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लेने के बाद वे इस बात को लेकर ‘अस्तित्व के संकट’ से गुजर रहे हैं कि क्या वे वैश्विक मंच पर वैधता चाहते हैं। बाइडन ने एबीसी के ‘गुड मॉर्निंग अमेरिका’ पर एक साक्षात्कार में कहा कि वह इस संबंध में ’निश्चित नहीं हैं’ कि तालिबान ‘अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा एक वैध सरकार के रूप में मान्यता प्राप्त’ करना चाहता है। परोक्ष रूप से तालिबान ने अपने सामने उत्पन्न विरोध को स्वीकार किया और बृहस्पतिवार को उपदेशकों से लोगों से देश में रहने एवं ‘उनके विरूद्ध नकारात्मक दुष्प्रचार का मुकाबला करने की अपील करने का आह्वान किया। तालिबान ने लोगों से काम पर लौटने की भी अपील की है लेकिन ज्यादातर सरकारी कर्मचारी छिपे हैं और देश से भाग जाने की कोशिश में हैं।

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Web Title: Afghans protest against Taliban in Afghanistan

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