इस साल बर्बाद हो सकते हैं करीब एक लाख ग्रीन कार्ड, भारतीय पेशेवरों में नाराजगी

By भाषा | Updated: August 6, 2021 13:03 IST2021-08-06T13:03:59+5:302021-08-06T13:03:59+5:30

About one lakh green cards may be wasted this year, resentment among Indian professionals | इस साल बर्बाद हो सकते हैं करीब एक लाख ग्रीन कार्ड, भारतीय पेशेवरों में नाराजगी

इस साल बर्बाद हो सकते हैं करीब एक लाख ग्रीन कार्ड, भारतीय पेशेवरों में नाराजगी

(ललित के झा)

वाशिंगटन, छह अगस्त रोजगार आधारित करीब एक लाख ग्रीन कार्ड के दो महीने के भीतर बर्बाद होने का खतरा है जिससे भारतीय आईटी पेशेवरों में नाराजगी है जिनका वैध स्थायी निवास का इंतजार अब दशकों तक के लिए बढ़ गया है।

आधिकारिक तौर पर स्थायी निवास कार्ड के तौर पर जाने जाना वाला ग्रीन कार्ड आव्रजकों को साक्ष्य के तौर पर जारी एक दस्तावेज है कि धारक को अमेरिका में स्थायी रूप से निवास करने की सुविधा दी गई है।

भारतीय पेशेवर संदीप पवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस साल आव्रजकों के लिए रोजगार आधारित कोटा 2,61,500 है जो 1,40,000 के सामान्य तौर पर कोटा से काफी ज्यादा है।

उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, कानून के तहत, अगर ये वीजा 30 सितंबर तक जारी नहीं किए जाते, तो ये हमेशा के लिए बर्बाद हो जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा या यूएससीआईएस द्वारा वीजा प्रक्रिया की मौजूदा गति दिखाती है कि वे 1,00,000 से ज्यादा ग्रीन कार्ड बेकार कर देंगे। इस तथ्य की वीजा उपयोग निर्धारित करने वाले विदेश मंत्रालय के प्रभारी ने हाल में पुष्टि भी की थी।

पवार ने खेद जताया कि अगर यूएससीआईएस या बाइडन प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता तो इस साल उपलब्ध अतिरिक्त 1,00,000 ग्रीन कार्ड बर्बाद हो जाएंगे।

इस संबंध में पूछे गए प्रश्नों पर व्हाइट हाउस ने कोई जवाब नहीं दिया।

इस बीच, अमेरिका में रह रहे 125 भारतीयों एवं चीनी नागरिकों ने प्रशासन द्वारा ग्रीन कार्ड बर्बाद होने से रोकने के लिए एक मुकदमा दायर किया है।

पवार ने कहा, “अधिकतर संभावित लाभार्थी, जैसे कि मैं, भारत से हैं, एक ऐसा देश जो स्वाभाविक रूप से नस्लवादी और भेदभावपूर्ण प्रति-देश कोटा के कारण सबसे पीछे है। कई के जीवनसाथी भी यहां हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, जो स्थायी निवासी बनने तक काम करने में असमर्थ हैं।"

उन्होंने कहा, “कई के बच्चे हैं जिनकी आश्रित की श्रेणी में आने वाली उम्र पार होने वाली है और उन्हें खुद से देश छोड़कर जाने पर मजबूर होना पड़ेगा जबकि वे सिर्फ इसी देश को जानते हैं। अगर ये ग्रीन कार्ड जारी नहीं किए जाते तो नुकसान अथाह एवं अपूर्णीय है।”

इम्पैक्ट के कार्यकारी निदेशक नील मखीजा, जिन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन से एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में मुलाकात की थी, ने कहा कि उन्होंने बाइडन से ग्रीन कार्ड सीमा और कोटा को समाप्त करके आव्रजन कानूनों में सुधार करने और सभी ‘ड्रीमर्स’ की सुरक्षा के प्रयासों के तहत लंबी अवधि के वीजा धारकों के 2,00,000 बच्चों को शामिल करने का आग्रह किया।

‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ में एक लेख में, काटो इंस्टीट्यूट में शोधार्थी डेविड जे बियर ने आरोप लगाया कि ग्रीन कार्डों की बर्बादी के लिए बाइडन प्रशासन जिम्मेदार है।

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