नेपाल सरकार ने बंद किए 'अपनों' के लिए दरवाजे, धारचूला में फंसे 500 नेपाली मजदूर
By भाषा | Updated: March 30, 2020 18:40 IST2020-03-30T18:40:40+5:302020-03-30T18:40:40+5:30
शुरुआत में यह प्रतिबंध 23 मार्च से 29 मार्च तक के लिये लगाया गया था। इन नेपाली मजदूरों को फिलहाल धारचूला के शमशान घाट में बने छप्पर में रखा गया है जहां जिला प्रशासन उनकी देखरेख कर रहा है। इस बारे में धारचूला के उपजिलाधिकारी एसके शुक्ला ने कहा कि अगर इनकी संख्या और बढ़ती है तो, (आश्रय और भोजन की) मुश्किल पैदा हो सकती है।

नेपाल सरकार ने अपनी ही जनता के लिए बंद किए दरवाजे। (फोटो सोर्स- ट्विटर)
पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): देश के विभिन्न हिस्सों से घर लौट रहे 500 से ज्यादा प्रवासी नेपाली मजदूरों के लिए नेपाल सरकार द्वारा अपने दरवाजे उनके लिए बंद कर दिये जाने के कारण धारचूला में फंस गये हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाये जा रहे एहतियाती कदमों के तहत नेपाल सरकार ने अन्य देशों से अपेन यहां आवाजाही पर लगे प्रतिबंध को और 10 दिन के लिए बढ़ा दिया है।
शुरुआत में यह प्रतिबंध 23 मार्च से 29 मार्च तक के लिये लगाया गया था। इन नेपाली मजदूरों को फिलहाल धारचूला के शमशान घाट में बने छप्पर में रखा गया है जहां जिला प्रशासन उनकी देखरेख कर रहा है। इस बारे में धारचूला के उपजिलाधिकारी एसके शुक्ला ने कहा कि अगर इनकी संख्या और बढ़ती है तो, (आश्रय और भोजन की) मुश्किल पैदा हो सकती है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में दैनिक कामगार के रूप में काम करने वाले ये नेपानी नागरिक अपने वतन वापसी के लिए यहां धारचूला में एकत्र हुए हैं। शुक्ला ने बताया कि लेकिन, नेपाल द्वारा सीमा से आवाजाही पर लगा प्रतिबंध और 10 दिन के लिए बढ़ा दिए जाने के कारण सभी केा यहां रूकना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि काली नदी पर बने पुल को भारत खोलने के लिए तैयार है लेकिन नेपाली अधिकारी इसके खिलाफ हैं। अधिकारी ने बताया कि इन सभी की प्राथमिक जांच की गयी है और फिलहाल किसी में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं।