2020 पत्रकारों के लिए सबसे खराब साल, एक वर्ष में सर्वाधिक 274 जर्नलिस्ट्स को जेल, चीन मीडिया को दबाने में सबसे आगे

By अनुराग आनंद | Updated: December 16, 2020 10:37 IST2020-12-16T07:46:28+5:302020-12-16T10:37:07+5:30

2020 के दौरान पत्रकारों को रिकॉर्ड संख्या में कैद किया गया। ऐसा इसलिए भी क्योंकि सरकारें लोगों के आंदोलन की रिपोर्टिंग या फिर कोरोनो वायरस महामारी पर मीडिया कवरेज से परेशान हो गई और इन मामलों पर हो रही रिपोर्टिंग को दबाने की कोशिश की।

2020 is the worst year for journalists, 274 journalists jailed the most in a year | 2020 पत्रकारों के लिए सबसे खराब साल, एक वर्ष में सर्वाधिक 274 जर्नलिस्ट्स को जेल, चीन मीडिया को दबाने में सबसे आगे

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsचीन में पत्रकारों के खिलाफ बर्बरतापूर्ण अत्‍याचार होता है।चीन के बाद पत्रकारों को परेशान करने के मामले में तुर्की दूसरे और मिस्र तीसरे नबंर पर शामिल है।

नई दिल्ली: अमेरिका की एक निगरानी संस्था ने इस साल रिकॉर्ड संख्या में पत्रकारों को जेल भेजे जाने का खुलासा किया है। कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में मीडिया और पत्रकारों का दमन जारी है।

सीपीजे के रिपोर्ट मुताबिक, कई देशों की सरकारें लगातार मीडिया की आजादी छीन रही हैं। महामारी के दौरान भी भ्रामक सूचना के आरोप में पत्रकारों को बड़े पैमाने पर जेल भेजा गया। अब इस संबंध में साल पूरा होने के बाद आंकड़ा सामने आया है।   

पत्रकारों का चीन में हो रहा है सबसे अधिक दमन

अमेरिकी रिपोर्ट के हवाले से साइमन ने कहा पत्रकारों का दमन, मीडिया सेंसरशिप का रूप है जो सूचना के प्रवाह को बाधित करता है। वैश्विक स्तर पर मीडिया को दबाने में चीन सबसे आगे है। चीन में इस साल 2020 में 47 पत्रकारों को जेल भेजा गया। चीन में पत्रकारों के खिलाफ बर्बरतापूर्ण अत्‍याचार होता है।

चीन के बाद इन देशों के पत्रकारों की स्थिति भी है खराब

बता दें कि चीन के बाद पत्रकारों को परेशान करने के मामले में तुर्की दूसरे और मिस्र तीसरे नबंर पर शामिल है। इसके अलावा, सऊदी अरब, बेलारूस, इथियोपिया का नाम शामिल है। बेलारूस और इथियोपिया में तो पत्रकारों की सबसे ज्यादा गिरफ्तारी उनके प्रोटेस्ट के दौरान हुई।

साल 2020 में 274 पत्रकारों को जेल

रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में कुल 274 पत्रकारों को जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिया गया। संस्थान के सर्वे के मुताबिक पत्रकारों के जेल भेजने का ये आंकड़ा एक रिकॉर्ड बन गया है। सीपीजे ने 1990 के दशक में पत्रकारों पर शोध और अध्यन शुरू किया था। इस साल की रिपोर्ट में 26 मीडियाकर्मियों की मौत की डिटेल शामिल है लेकिन असल आंकड़ा इससे बड़ा हो सकता है। 

Web Title: 2020 is the worst year for journalists, 274 journalists jailed the most in a year

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