बांग्लादेश में नौसेना के जहाजों से 1,700 रोहिंग्या शरणार्थी सुदूर द्वीप के लिए भेजे गये

By भाषा | Updated: December 29, 2020 15:47 IST2020-12-29T15:47:03+5:302020-12-29T15:47:03+5:30

1,700 Rohingya refugees from naval ships sent to remote island in Bangladesh | बांग्लादेश में नौसेना के जहाजों से 1,700 रोहिंग्या शरणार्थी सुदूर द्वीप के लिए भेजे गये

बांग्लादेश में नौसेना के जहाजों से 1,700 रोहिंग्या शरणार्थी सुदूर द्वीप के लिए भेजे गये

ढाका, 29 दिसंबर (एपी) मानवाधिकार समूहों की आपत्ति के बावजूद बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व में स्थित बंदरगाह शहर चटगांव से मंगलवार को नौसेना के पांच जहाजों से 1700 से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों को सुदूर द्वीप के लिए भेज दिया गया है।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जहाज से तीन घंटे की यात्रा के बाद शरणार्थियों के भशान चार द्वीप तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि शरणार्थियों को कॉक्स बाजार में उनके कैंपों से बसों के जरिए सोमवार को चटगांव ले जाया गया और देर रात उन्हें एक अस्थायी शिविर में ठहराया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि जो शरणार्थी वहां जाना चाहते थे, उनको ही चुना गया और उन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया गया। हालांकि कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि कुछ शरणार्थियों को भूभाग से करीब 34 किलोमीटर दूर जाने के लिए मजबूर किया गया।

यह द्वीप करीब 20 साल पहले समुद्र में अस्तित्व में आया था। मानसून की बारिश के दौरान अक्सर यह डूब जाता है लेकिन बांग्लादेश की नौसेना ने 11.2 करोड़ डॉलर की लागत से वहां पर तटबंधों, मकानों, अस्पतालों और मस्जिदों का निर्माण किया है।

द्वीप को एक लाख लोगों के रहने के लिए तैयार किया गया है। इससे पहले अधिकारियों ने चार दिसंबर को 1642 रोहिंग्या शरणार्थियों को द्वीप पर भेजा था।

म्यांमा में दमन के बाद सात लाख से ज्यादा रोहिंग्या बांग्लादेश आए थे और वर्तमान में वे कॉक्स बाजार में शरणार्थी शिविरों में रहते हैं।

अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां और संयुक्त राष्ट्र 2015 से ही शरणार्थियों को द्वीपों पर भेजे जाने का विरोध कर रहे हैं। उन्हें आशंका है कि बड़े तूफान में द्वीप डूब सकता है और हजारों लोगों की जान को खतरा होगा।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि शरणार्थियों को इस बारे में खुद फैसला करने देना चाहिए कि क्या वे नए स्थान पर जाना चाहते हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल और ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ ने सरकार से शरणार्थियों को दूसरे स्थानों पर भेजने की योजना पर रोक लगाने का आग्रह किया है।

कैबिनेट मंत्री अब्दुल कादेर ने सोमवार को कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को द्वीप पर इसलिए भेजा जा रहा है क्योंकि वापस म्यांमा भेजने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि भशान चार द्वीप पर पहले से रह रहे शरणार्थियों ने वहां की व्यवस्था पर संतोष जताया है।

म्यांमा में दमन के बाद रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश में पनाह ली थी। म्यांमा से द्विपीक्षीय समझौते के बाद बांग्लादेश ने रोहिंग्या को भेजने के प्रयास किए लेकिन शरणार्थी वापस जाने के इच्छुक नहीं हैं।

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Web Title: 1,700 Rohingya refugees from naval ships sent to remote island in Bangladesh

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