नई दिल्ली: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच भारत-जापान के हितों को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दे पर बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भी चर्चा की।
जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा, आज पूरी दुनिया कई घटनाओं के कारण हिल गई है, भारत और जापान के बीच घनिष्ठ साझेदारी होना बहुत जरूरी है। हमने अपने विचार व्यक्त किए, यूक्रेन में रूस के गंभीर आक्रमण के बारे में बात की। हमें अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है।
इससे पहले भारत-जापान आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, प्रगति, समृद्धि और साझेदारी भारत-जापान संबंधों के आधार हैं। हम भारत में जापानी कंपनियों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, भारत-जापान आर्थिक साझेदारी के बीच आर्थिक साझेदारी में प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, जापान भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। भारत-जापान मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर 'वन टीम-वन प्रोजेक्ट' के रूप में काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, आज की हमारी चर्चा ने हमारे आपसी सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया। हमने विपक्षीय मुद्दों के अलावा कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया। हमने यूनाइटेड नेशन और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपना समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया
वहीं जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने कहा, हमारे दोनों देशों को खुले और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए प्रयास बढ़ाने चाहिए। जापान, भारत के साथ, युद्ध को समाप्त करने की कोशिश करता रहेगा और यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान करता रहेगा।
वहीं भारत सरकार के सूत्र ने बताया कि जापान अगले पांच वर्षों में भारत में अपने निवेश लक्ष्य को बढ़ाकर 5 ट्रिलियन येन या 3.2 लाख करोड़ रुपये करेगा। भारत-जापान के बीच साइबर सुरक्षा, क्षमता निर्माण, सूचना साझा करने और सहयोग के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।