ऑनलाइन फू़ड सर्विस कंपनी जोमैटो एक ग्राहक को दिये जवाब को लेकर चर्चा में है। दरअसल, ग्राहक ने जोमैटो ऐप के जरिए खाना ऑर्डर किया था लेकिन जब उसने देखा कि यह खाना एक मुस्लिम शख्स पहुंचाएगा तो उसने इस ऑर्डर को कैंसल कर दिया।
इसके बाद इस शख्स ने ट्विटर पर भी इसका जिक्र किया और जोमैटो को टैग करते हुए लिखा कि रिफंड नहीं मिलने के बावजूद उसने जोमैटो से खाना इसलिए कैंसल कर दिया क्योंकि इसे एक मुस्लिम शख्स लेकर आने वाला था। ट्विटर प्रोफाइल के अनुसार खाना ऑर्डर करने वाले का नाम अमित शुक्ल है।
अमित शुक्ल के अनुसार उसने जोमैटो से खाने का ऑर्डर किया लेकिन कंपनी ने एक गैर-हिंदू को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद अमित शुक्ल ने ऑर्डर को कैंसल करते हुए एक और स्क्रिनशॉट शेयर किया जिसमें उनके जोमैटो के कस्टमर केयर से चैट का जिक्र है। इस बातचीत में एक जगह अमित शुक्ल लिखते हैं- 'हमारा सावन महीना चल रहा है और हमें मुस्लिम शख्स से खाना नहीं चाहिए।'
इसके बाद जोमेटो की तरफ से मैसेज आया कि ऑर्डर कैंसिल करने पर पैसा वापस नहीं आएगा और उनको 237 रुपये नहीं मिलेंगे। अमित ने इसके बावजूद ऑर्डर कैंसल किया और ट्वीट किया।
इस ट्वीट पर इसके बाद कई जवाब आने लगे लेकिन सबसे दिलचस्प और करारा जवाब जोमैटो की ओर से आया। जोमैटो इंडिया के आधिकारिक ट्विटर हैंडल की ओर से लिखा गया, 'खाने का कोई धर्म नहीं होता। खाना खुद एक धर्म है।'
जोमैटो के अलावा कई और यूजर्स ने जमकर अमित शुक्ल की आलोचना की हैरानी जताई कि आज की दुनिया में भी कुछ लोग ऐसे होते हैं।