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जब इसरो सेंटर में पीएम मोदी से छात्र ने पूछा, राष्ट्रपति कैसे बनें, देखें प्रधानमंत्री ने क्या दिया जवाब?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 7, 2019 07:11 IST

यदि लैंडर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर लेता तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाता। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश भी बन जाता।

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ठळक मुद्दे‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। मोदी ने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से कहा, ‘‘आपके प्रयास से हमें बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। जैसा कि वैज्ञानिकों ने मुझे बताया कि यदि संपर्क फिर से स्थापित हो जाता है तो यह डेटा भेजेगा। हमें सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करनी चाहिए।’’ वैज्ञानिक पूरी तरह ‘ना-उम्मीद’ नहीं हैं और वे लैंडर से संपर्क हो जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद पर लैंडिंग देखने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ देशभर के 60 स्कूली बच्चे भी इसरो सेंटर में पहुंचे थे। इस मौके पर पीएम मोदी ने बच्चों से बातचीत की। जिसकी वीडियो और तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।  पीएम मोदी ने छात्रों को जीवन में सफलता के गुर सिखाए।  प्रधानमंत्री ने इसरो सेंटर में मौजूद छात्र-छात्राओं से भी बात की और उनके सवालों के जवाब दिए। उन्होंने छात्रों से सवाल किया कि वापस जाकर वे क्या बताएंगे। इस पर छात्रों ने कहा कि वे कहेंगे कि मिशन सफल रहा, लेकिन लैंडिंग से थोड़ी देर पहले संपर्क टूट गया। 'विक्रम' की 'सॉफ्ट लैंडिंग' का सीधा नजारा देखने दर्जनों छात्र-छात्रा इसरो के बेंगलुरु केंद्र पहुंचे थे। इन छात्र-छात्राओं का चयन ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के जरिए किया गया था। 

इसी में से एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा कि राष्ट्रपति कैसे बनें। पीएम मोदी ने इस पर हंसते हुए उस छात्र से पूछा कि पूछा, राष्ट्रपति ही क्यों? प्रधानमंत्री क्यों नहीं? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट जाने के बाद इसरो वैज्ञानिकों के साथ एकजुटता दिखाई और कहा कि उन्हें निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। मोदी ने कहा, संपर्क टूट गया है। मैं आपके चेहरों पर चिंता देख सकता हूं। निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। देश को आप पर गर्व है। प्रधानमंत्री चांद पर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा नजारा देखने के लिए यहां स्थित इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के ‘मिशन ऑपरेशंस कॉंप्लेक्स’ पहुंचे थे।

2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटा

‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। ‘विक्रम’ ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया।

टॅग्स :नरेंद्र मोदीभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
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