तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने उन पर लगे साहित्यिक चोरी के आरोपों को लेकर निराशा व्यक्त की और आरोपों के लिये भाजपा की “ट्रोल सेना” को जिम्मेदार ठहराया। उनका “फासीवाद के सात चिन्ह” विषय पर संसद में पिछले हफ्ते दिया गया भाषण सोशल मीडिया वायरल हो गया था। मोइत्रा ने एक बयान में कहा, “साहित्यिक चोरी तब है जब कोई अपने स्रोत का खुलासा न करे । मेरे बयान में स्रोत का स्पष्ट रूप से जिक्र है जो राजनीतिक विज्ञानी डॉ. लॉरेंस डब्ल्यू ब्रिट द्वारा तैयार होलोकास्ट म्यूजियम था जिसमें शुरुआती फासीवाद के 14 संकेत का उल्लेख है।”
उन्होंने कहा, “मैंने भारत के लिये सात संकेतों को प्रासंगिक पाया और उनमें से प्रत्येक का विस्तार से जिक्र किया।” वॉशिंगटन मंथली के एक लेख को उद्धृत करते हुए एक ट्वीट आजकल चर्चा में है जिसमें आरोप लगाया गया है कि टीएमसी सांसद ने लोकसभा में अपने बयान का कुछ हिस्सा “फासीवाद के शुरुआती 12 संकेत” नाम से प्रकाशित लेख से लिया था जो अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संदर्भ में था।
पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से पहली बार चुनकर आयीं सांसद ने कहा कि लेख ने उसी पोस्टर को उद्धृत किया है जिसका संदर्भ उन्होंने अपने बयान में दिया है। मोइत्रा ने कहा, “मेरा बयान दिल से था और हर भारतीय जिसने इसे साझा किया उसने अपने दिल से ऐसा किया। यह स्वाभाविक था न कि कृत्रिम रूप से नियंत्रित। मैं फिर दोहराती हूं...‘बांधने मुझे तू आया है, जंजीर बड़ी क्या लाया है ?” पूर्व निवेश बैंकर 42 वर्षीय सांसद का 25 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदन में दिया गया भाषण सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा था।
बता दें कि एक निजी समाचार चैनल ने भाषण को चोरी का बताते हुए उन पर नकल के आरोप लगाए। चैनल ने महुआ के भाषण पर पूरा एक शो करते हुए आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण में एक अमेरिकी राजनीतिक कमेंटेटर मार्टिन लांगमैन के शब्दों की चोरी की है। मामले के तूल पकड़ने के बाद खुद अमेरिकी राजनीतिक कमेंटेटर मार्टिन लांगमैन सामने आए और महुआ पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने महुआ मोइत्रा का पक्ष लेते हुए ट्वीट किया, “ मैं भारत में काफी चर्चित हो गया हूं क्योंकि एक राजनेता पर गलत आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने मेरे लेख से चोरी की है। ये बेहद मजेदार बात है। लेकिन दक्षिणपंथी मूर्ख हर देश में एक जैसे ही होते हैं।”
पहले ही भाषण में छा गईं महुआ
तृणमूल कांग्रेस से पहली बार सांसद चुनी गई महुआ जेपी मार्गन की पूर्व उपाध्यक्ष हैं। लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर जारी चर्चा के दौरान महुआ ने सभी लोकसभा सदस्य का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को उद्धृत करते हुए कहा कि मतभेद इस देश का राष्ट्रीय चरित्र है उसे खत्म नहीं किया जा सकता। 2008 में न्यूयॉर्क से जेपी मार्गन की नौकरी छोड़कर राजनीति का दामन थामने वाली महुआ ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 में करीमपुर से विधायक चुनी गईं।
महुआ की आक्रामक भाषण शैली के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी में महासचिव और प्रवक्ता बनाया हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में कृष्णानगर संसदीय सीट से जीत हासिल की है। ममता की उम्मीदों पर खरा उतर रहीं महुआ ने लोकसभा में टीएमसी नेता सुदीप बंधोप्ध्याय और सौगॉत रॉय की कमी नहीं महसूस होने दी।