'...तो सड़कों पर हिंसा करने वाले मेहमान इसलिए दिख रहे हैं', शशि थरूर और संबित पात्रा में ट्विटर पर बहस
By पल्लवी कुमारी | Updated: December 20, 2019 15:38 IST2019-12-20T15:38:22+5:302019-12-20T15:38:22+5:30
संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ बीते दिन( 19 दिसंबर) पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए। देश के कई राज्यों में धारा 144 लगा दी गई थी।

'...तो सड़कों पर हिंसा करने वाले मेहमान इसलिए दिख रहे हैं', शशि थरूर और संबित पात्रा में ट्विटर पर बहस
नागरिकता संसोधन कानून (CAA) का विरोध और समर्थन करने के लिए ट्विटर एक जंग का मैदान बन गया है। लोग एक-दूसरे के ट्वीट का रिप्लाई कर रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ट्विटर पर बहस हुई। संबित पात्रा ने शशि थरूर के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, ''तो ये सड़कों पर जो हिंसा करते मेहमान दिख रहे हैं, वह पहले से सुनियोजित थे क्या। तो ये मुस्लिम वोट पाने की कांग्रेस की एक चाल थी। सेकुलरिज्म का चोला पहन के मुस्लिम वोट को हथियाने का तरीका है ये सड़कों पर हिंसा का ये ही कारण है।''
जानें शशि थरूर ने क्या किया था ट्वीट
शशि थरूर ने द प्रिंट की एक खबर को शेयर कर हुए लिखा था, ''कांग्रेस पर प्रोफेसर मोहम्मद अयूब (द प्रिंट में जिन्होंने स्टोरी लिखी है) की कही हुई हर बात से मैं सहमत नहीं हूं। इस मुस्किल वक्त में मुसलमानों को पार्टी के पीछे हथियार बनाना गलत है।''
द प्रिंट में जो खबर छपी हुई है, उसका शीर्षक है- ना ओवैसी, नाही टीएमसी के लिए भारत के मुसलमान नागरिकता कानून के बाद कांग्रेस को वापस लाना चाहते हैं। कांग्रेस ने नागरिकता विधेयक का लोकसभा और राज्यसभा में जमकर विरोध किया था।
So this is the reason behind all the manufactured mayhem that we are seeing on the streets ..a desperate attempt by the Congress to consolidate the Muslim votes in its favour as a last ditch effort to save it’s dwindling prospects
— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 20, 2019
It’s Secularists Bidding for the Muslim Votes!! https://t.co/s6uRLlCZF2
संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ बीते दिन( 19 दिसंबर) पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए। देश के कई राज्यों में धारा 144 लगा दी गई थी। सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया तो वहीं 30 से 40 पुलिसकर्मी भीड़ के हाथों घायल भी हुए हैं। 12 दिसंबर को नागरिकता कानून आने के बाद से ही देश में विरोध हो रहा है। हिंसक विरोध प्रदर्शन की शरुआत दिल्ली के जामिया कैंपस से हुई।
