इंसानों की नग्न तस्वीरें अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहे वैज्ञानिक, एलियंस को आकर्षित करने की कोशिश
By विनीत कुमार | Updated: April 3, 2022 10:31 IST2022-04-03T09:26:11+5:302022-04-03T10:31:20+5:30
वैज्ञानिक लगातार कई वर्षों से धरती से बाहर किसी और ग्रह पर जीवन या एलियन की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे संभावित एलियन की मौजूदगी का पता लगाने और उनसे संपर्क के लिए एक नया तरीका अपनाने का फैसला किया है।

इंसानों की नग्न तस्वीरें अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहे वैज्ञानिक (फोटो- ट्विटर)
नई दिल्ली: मनुष्य करीब 150 से अधिक वर्षों से अंतरिक्ष के किसी दूसरे हिस्से में एलियन से जुड़ने का प्रयास कर रहा है। हालांकि अभी तक वह असफल ही रहा है, या कम से कम ऐसी कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है जिसमें एलियन से संपर्क की बात की पुष्टि हुई हो। ऐसे में वैज्ञानिक अब एलियन से संपर्क के एक नए तरीके पर काम कर रहे हैं।
वैज्ञानिक कथित तौर पर दो नग्न लोगों की एक तस्वीर को अंतरिक्ष में भेजकर एलियन को आकर्षित करने का प्रयास करेंगे। 'साइंटिफिक अमेरिकन' की एक रिपोर्ट के अनुसार नासा के वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक नया संदेश विकसित किया है जो आकाशगंगा में कहीं मौजूद एलियंस को भेजा जा सके।
नग्न तस्वीरों से एलियंस को आकर्षित करने का प्रयास
अंतरिक्ष को समर्पित इस मैसेज को बीकन इन द गैलेक्सी (BITG) नाम दिया गया है। इसे नासा के जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी के वैज्ञानिक जोनाथन जियांग और उनके सहयोगियों द्वारा तैयार किया गया है। इन्होंने एक प्रीप्रिंट साइट पर एक अध्ययन में अपनी प्रेरणा और पद्धति प्रकाशित की है।
इस ग्रुप को उम्मीद है कि वे दो नग्न लोगों के कार्टून धरती के वायुमंडल से बाहर ब्रह्मांड में भेजकर एलियंस की जिज्ञासा को जगाने और संवाद को प्रोत्साहित कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में गुरुत्वाकर्षण और डीएनए का चित्रण भी शामिल है। साथ ही एक नग्न पुरुष और महिला के चित्र भी शामिल हैं, जिसमें वे हाथ लहराते नजर आते हैं।
A Beacon in the Galaxy: Updated Arecibo Message for Potential FAST and SETI Projects https://t.co/W1Lnez0vSS#Astrobiology#SETI#CarlSaganpic.twitter.com/oCBn1xzLB9
— Astrobiology (@astrobiology) March 24, 2022
वैज्ञानिकों के अनुसार उन्होंने इन चित्रों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए इसलिए चुना क्योंकि संभव है कि एलियन के संवाद का तरीका इंसानों से एकदम अलग हो।
बाइनरी कोड में बनाया गया मैसेज
इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे वैज्ञानिकों के अनुसार, 'प्रस्तावित संदेश में संचार का एक सार्वभौमिक साधन स्थापित करने के लिए बुनियादी गणितीय और भौतिक अवधारणाएं शामिल की गई हैं। इसके बाद पृथ्वी पर जीवन की जैव रासायनिक संरचना, आकाशगंगा में सौर मंडल की स्थिति के साथ-साथ इसकी और धरती की सतह की डिजिटलीकृत जानकारी आदि इसमें शामिल है।'
संदेश को कथित तौर पर बाइनरी कोड में रखा गया जो एक सार्वभौमिक या यूनिवर्सल भाषा मानी जाती है और 1s और 0s सीरीज का इस्तेमाल करती है।