प्रसून जोशी ने चांद पर इतिहास रचने जा रहे हिंदुस्तान के लिये लिखी ये कविता, आपने पढ़ा क्या?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 7, 2019 00:40 IST2019-09-07T00:40:10+5:302019-09-07T00:40:10+5:30

साल 2017 में सीबीएफसी के अध्‍यक्ष पद से पहलाज निहलानी को हटाकर प्रसून जोशी को नया अध्‍यक्ष बनाया गया था। प्रसून जोशी पीएम मोदी के साथ अपने इंटरव्यू को लेकर भी चर्चा में आये थे।

Prasoon Joshi poem on Chandrayaan 2 goes viral on social media | प्रसून जोशी ने चांद पर इतिहास रचने जा रहे हिंदुस्तान के लिये लिखी ये कविता, आपने पढ़ा क्या?

प्रसून जोशी ने चांद पर इतिहास रचने जा रहे हिंदुस्तान के लिये लिखी ये कविता, आपने पढ़ा क्या?

Highlightsप्रसून जोशी ने इस कविता को अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया है।  इसरो के हेडक्वॉर्टर में बैठे वैज्ञानिकों से लेकर हर भारतीय रोमांचित है।

चांद पर शनिवार (7 सितम्बर) तड़के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के भारत के प्रयास के दौरान लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ सभी के आकर्षण का केंद्र होंगे। चांद के अध्ययन के लिए भेजा गया चंद्रयान-2 देश में विकसित प्रौद्योगिकी से परिपूर्ण है। इसके 1,471 किलोग्राम वजनी लैंडर का नाम ‘विक्रम’ है और यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है। आज देश की नजरें चांद पर हैं। हर कोई उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इसरो के हेडक्वॉर्टर में बैठे वैज्ञानिकों से लेकर हर भारतीय रोमांचित है। इसी बीच चांद पर सॉफ्ट लैंडिग को लेकर लिखी अपनी कविता की वजह से सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गये हैं गीतकार प्रसून जोशी। इस ऐतिहासिक पल के लिए सेंसर बोर्ड के चीफ और मशहूर गीतकार प्रसून जोशी ने एक कविता इस प्रोजेक्ट को समर्पित करते हुये लिखी है। 

प्रसून जोशी ने इस कविता को अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया है। 

 
मशहूर गीतकार प्रसून जोशी द्वारा लिखी कविता...

चन्द्रयान की टीम ने देखो, कैसा अद्भुत काम किया
युगों युगों से सूत कातती, अम्मा को आराम दिया
यही चाँद माँगा करता था, मोटा एक झिंगोला
इसी चाँद का मुँह टेढ़ा था, यही था वो अलबेला
अब मय्या से जिद ना करेंगे, बाल कृष्ण मुसकाएँगे
चन्द खिलौना हाथ में ले कर, लीला नयी रचाएँगे
और हम भी अब पास से जा कर, देखेंगे बस घूर के
और ना कहेंगे चन्दा को हम, चन्दा मामा दूर के

लैंडर के चांद पर उतरने के बाद इसके भीतर से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस यानी के पृथ्वी के 14 दिनों की अवधि तक अपने वैज्ञानिक कार्यों को अंजाम देगा। रोवर 27 किलोग्राम वजनी छह पहिया रोबोटिक वाहन है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस है। इसका नाम ‘प्रज्ञान’ है जिसका मतलब ‘बुद्धिमत्ता’ से है। यह ‘लैंडिंग’ स्थल से 500 मीटर तक की दूरी तय कर सकता है और यह अपने परिचालन के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा। यह लैंडर को जानकारी भेजेगा और लैंडर बेंगलुरु के पास ब्याललु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को जानकारी प्रसारित करेगा।

इसरो के अनुसार लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो चांद की सतह और उप सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा, जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण हैं जो चांद की सतह से संबंधित समझ में मजबूती लाने का काम करेंगे। लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में दो गड्ढों-‘मैंजिनस सी’ और ‘सिंपेलियस एन’ के बीच उतरेगा। 

Web Title: Prasoon Joshi poem on Chandrayaan 2 goes viral on social media

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